पुण्यतिथि पर महामना को श्रद्धांजलि: ABVP ने किया दीपदान, NSS ने आयोजित की ऑनलाइन गोष्ठी, LBS छात्रावास में भी मानाई गई पुण्यतिथि...
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्र बीएचयू के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर स्थापित महामना के प्रतिमा पुष्पार्चन एवं दीपदान कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वही, बीएचयू के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी का व्यक्तित्व एवं छात्रों को उनका संदेश विषयक संवाद कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। तीसरा कार्यक्रम लालबहादुर शास्त्री (LBS) छात्रावास के हाल में महामना डिस्कशन फोरम के तत्वावधान में आयोजित हुई।
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक व ख्यात शिक्षाविद भारतरत्न पंडित मदनमोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर शुक्रवार (12 नवंबर) को कैंपस में कई कार्यक्रम आयोजित हुए। सभी ने महामना के महाप्रयास को सराहा और उनके दूरदृष्टा सोच को नमन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्र बीएचयू के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर स्थापित महामना के प्रतिमा पुष्पार्चन एवं दीपदान कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वही, बीएचयू के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी का व्यक्तित्व एवं छात्रों को उनका संदेश विषयक संवाद कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। तीसरा कार्यक्रम लालबहादुर शास्त्री (LBS) छात्रावास के हाल में महामना डिस्कशन फोरम के तत्वावधान में आयोजित हुई।
महामना के मूल्यों को संरक्षित करने का लिया संकल्प
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के काशी प्रान्त की प्रदेश मंत्री साक्षी सिंह ने कहा कि "महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के माध्यम से राष्ट्र को एक ऐसा संस्थान समर्पित किया जो आज एक सदी बाद भी राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। महामना के मूल्यों एवं उनके दिखाए रास्ते पर चलना इस बगिया के हर छात्र का प्रथम कर्तव्य है एवं इसका पालन जीवन पर्यंत करना ही महामना को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी"
महामना की प्रतिमा पर पुष्पार्चन एवं दीपदान कर छात्रों ने महामना के मूल्यों को संरक्षित करने का संकल्प लिया। इस दौरान विभाग संयोजक अधोक्षज पांडेय, विभाग संगठन मंत्री राहुल राणा, सह-संयोजक अभय प्रताप सिंह, पल्लव सुमन, कुमार विनायक, सम्यक,सुयज्ञ राय, अपर्णा मौजूद रहे।
स्वतंत्रता आंदोलन में भी रहा महामना का योगदान
काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी का व्यक्तित्व एवं छात्रों को उनका संदेश विषयक संवाद कार्यक्रम में महामना के जीवन के विविध पक्षों पर प्रकाश डालते हुए BHU के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ बाला लखेंद्र ने कहा कि महामना ने एक ओर जहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसे महान संस्थान की स्थापना की, वही स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए हिंदोस्थान दैनिक पत्रिका संपादन किया और देश के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थली को एक मूर्त रूप प्रदान किया। इस अवसर पर महामना पंडित मदनमोहन मालवीय के जीवन पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। आरंभ में अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम अधिकारी डॉ अपाला साहा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुपर्णा बोस ने किया।
अदालतों में भी मातृभाषा हिंदी को दिया बढ़ावा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लालबहादुर शास्त्री छात्रावास (LBS) के कॉमन हाॅल में महामना की पुण्यतिथि मनाई गई। लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास एवं महामना डिस्कशन फोरम द्वारा आयोजित संगोष्ठी पर छात्रावास के संरक्षक एवं हिंदी विभाग (बीएचयू) के सहायक प्रोफेसर डाॅ. अशोक कुमार ज्योति ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. ओमप्रकाश (सहायक प्रोफेसर,जर्मन अध्ययन केंद्र) एवं विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग के पूर्व शोध छात्र डाॅ. देवीप्रसाद तिवारी उपस्थित रहे।
डॉ. ओमप्रकाश ने मालवीय जी के शैक्षिक योगदानों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महामना की संकल्पना एक ऐसे विश्वविद्यालय की थी। जहाँ के छात्र शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हों। महामना की सर्वांगीण विकास की यह परिकल्पना पूर्णतः सफल हुई। डॉ. देवीप्रसाद तिवारी ने महामना के मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मालवीय जी सैदव अनुशासन, नैतिक नियमों एवं मानवीय मूल्यों के प्रति पूर्णतः सजग थे। वहीं अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ज्योति ने महामना की उत्थान-भावना पर प्रकाश डाला। डाॅक्टर अशोक ने मालवीय जी के हिंदी भाषा आंदोलन पर सम्यक प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार मालवीय जी ने अदालतों में उर्दू एवं फारसी के स्थान पर मातृभाषा हिंदी का सम्यक प्रचलन लागू करवाया। उन्होंने मालवीय जी की राष्ट्रभक्ति एवं सांस्कृतिक निष्ठा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के छात्र भाष्करादित्य त्रिपाठी ने किया। विश्वविद्यालय के छात्र गजेंद्र मणि दुबे ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।