निर्वाचन खर्च सहित इन शर्तों पर ही वापस होगी निकाय चुनाव प्रत्याशियों की जमानत धनराशि...
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगर निगम के महापौर, पार्षद पदों एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष व सदस्य के सामान्य निर्वाचन-2023 में भाग लेने वाले प्रत्याशियों से जमा कराये जाने वाले जमानत धनराशि की वापसी और जब्त करने के संबंध में कार्यवाही की जानी हैं.
वाराणसी, भदैनी मिरर। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगर निगम के महापौर, पार्षद पदों एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष व सदस्य के सामान्य निर्वाचन-2023 में भाग लेने वाले प्रत्याशियों से जमा कराये जाने वाले जमानत धनराशि की वापसी और जब्त करने के संबंध में कार्यवाही की जानी हैं.
उक्त के संबंध विस्तृत जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) व उप जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) रण विजय सिंह ने बताया कि निर्वाचन लडने वाले किसी भी प्रत्याशी की जमानत धनराशि तब तक वापस नही की जायेगी, जब तक की उनके द्वारा निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि से 3 माह के भीतर निर्वाचन सम्बन्धित व्यय लेखा रजिस्टर, बाउचर सहित जिला स्तरीय कमेटी को उपलब्ध नहीं करायी जायेगी. यदि किसी प्रत्याशी द्वारा निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा से अधिक धनराशि व्यय की गयी, पायी जाती है, साथ ही जमानत वापसी का प्रार्थना पत्र भी उक्त 3 माह की अवधि में नहीं दिया जाता है, तो उसकी जमानत धनराशि जब्त कर ली जायेगी. उस प्रत्याशी की जमानत धनराशि वापस नहीं की जायेगी, जिसने मतदान में पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश से कम मत प्राप्त किया हों, किन्तु निर्वाचित घोषित हुए प्रत्याशी पर वैध मतों के 1/5 अंश से कम का कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा. यदि कोई प्रत्याशी एक से अधिक पदों पर चुनाव लड़ता हैं और वह उन सभी या कुछ पदों पर निर्वाचित घोषित होता है अथवा उन सभी पदों के निर्वाचन में अलग-अलग पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश या उससे अधिक मत प्राप्त करता हैं तो उस स्थिति में उसके द्वारा जमा की गयी ऐसी समस्त जमानत धनराशि वापस कर दी जायेगी.