घाटों के पहरुआ हुए सम्मानित : डूबती जिंदगी के हैं सहारे, शवों को लगाते है किनारे...

The divers of the ghats Watchmen honored: They are the support of drowning life, they put dead bodies on the shore. काशी के घाटों के पहरुओं को वाराणसी पुलिस ने सम्मानित किया है।

घाटों के पहरुआ हुए सम्मानित : डूबती जिंदगी के हैं सहारे, शवों को लगाते है किनारे...
चौक थाने में सम्मानित नाविकों संग थाना प्रभारी।

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी के घाटों पर सही मायने में पहरा यहां के नाविक, मल्लाह और गोताखोर ही देते है। अक्सर घाटों के ही मल्लाह और गोताखोर कई बार नहाते समय डूबती जिंदगी और पुल से कूदकर जान देने वाले लोगों की जिंदगी के सहारे बन जाते है और उन्हें बचा लेते है। गंगा में डूबे शवों की तलाश के लिए पुलिसकर्मियों का भी सहारा स्थानीय गोताखोर ही बनते है। 

दाहसंस्कार में आये डूबे व्यक्ति का शव निकाला

मुंगलसराय के महमूदपुर के कमलेश नामक व्यक्ति के दाहसंस्कार में आये  दुखहरण (45) स्नान के दौरान सिंधिया घाट पर डूब गए। जिसे स्थानीय पुलिस के साथ स्थानीय गोताखोर गजानन की पूरी टीम द्वारा भीषण ठंड एवं गंगा के ठंडे पानी में घंटो मशक्कत करके शव को ढूंढने में पुलिस का सहयोग किया। गोताखोर के उत्साहवर्धन के लिए आर्थिक पुरस्कार एवं फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया जिससे भविष्य में भी इनके द्वारा ऐसे कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहन मिलते रहे।