श्री काशी विश्वनाथ की आय ने 7 वर्ष में हुई 4 गुना की वृद्धि, धाम के विस्तार के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में हुई रिकॉर्ड वृद्धि...

श्री काशी विश्वनाथ धाम का विस्तार कर सुगम और अत्याधुनिक बनाया गया तो विश्व भर से शिव भक्तों की संख्या दिन ब दिन बढ़ने लगी.

श्री काशी विश्वनाथ की आय ने 7 वर्ष में हुई 4 गुना की वृद्धि, धाम के विस्तार के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में हुई रिकॉर्ड वृद्धि...

वाराणसी, भदैनी मिरर। श्री काशी विश्वनाथ धाम का विस्तार कर सुगम और अत्याधुनिक बनाया गया तो विश्व भर से शिव भक्तों की संख्या दिन ब दिन बढ़ने लगी. श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बाबा की आय में भी कई वृद्धि हुई. डबल इंजन सरकार में सुविधाओं के विस्तार होने के बाद विश्वनाथ धाम में दान और दर्शनार्थियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि भी हुई. वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2023 -24 में बाबा की आय में चार गुना की बढ़ोत्तरी हुई है.  बीच में कोरोना काल में भक्तों की संख्या में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन इसके बाद फिर से इसमें बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई.

16.22 करोड़ पहुंच गई भक्तों की संख्या


श्री काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार  निरीक्षण और निर्देशन में मंदिर में कई सुविधाओं की बढ़ोतरी हुई। मंदिर का विस्तार और दर्शन की सुगमता ने काशी में तीर्थाटन को और बढ़ा दिया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि बाबा के आय में चढ़ावा, दान, टिकट और परिसर में नवनिर्मित भवनों के आय आदि के रूप में पिछले 7 साल में 4 गुना की वृद्धि हुई है। 13 दिसम्बर 2021 को हुए विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद मई 2024 तक बाबा के भक्तों की संख्या 16.22 करोड़ तक पहुंच गई।

डबल इंजन सरकार में मिलने लगी विश्व स्तरीय सुविधाएं


धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी काशी अनादिकाल से सनातन धर्म मानने वालों की तीर्थस्थली है। डबल इंजन सरकार में अब काशी में विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलने लगी है। इस प्राचीन शहर में दुनिया के हर कोने से पहुंचना आसान हो गया है, जिससे यहां भक्तों का प्रवाह बढ़ गया है। ऐसी मान्यता है कि सनातन परम्परा में दान से विशेष पुण्य मिलता है। धर्म की नगरी काशी में आने के बाद शिव भक्त दिल खोल कर चढ़ावा व दान कर रहे हैं।


वित्तीय वर्ष                         आय
2017-2018          20,14,56,838 .43 
2018-2019          26,65,41,673 .32 
2019-20              26,43,77,438 .00 
2020-21             10,82,97,852 .09 
2021-22             20,72,58,754.03  
2022-23             58,51,43 ,676 .33 
2023-24             86,79,43,102. 00