UP और MP में करते है बचाव कार्य: 11 NDRF के नए कमांडेंट बने मनोज कुमार शर्मा, बोले बाढ़ से निपटने को हमारी 18 टीमें तैयार...
वाराणसी, भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में निरंतर सेवा दे रही 11 एनडीआरएफ की कमान औपचारिक रुप से संभालते हुए नए कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा मीडिया से रुबरु हुए। उन्होंने कहा कि 11 एनडीआरएफ वाराणसी को उत्तर प्रदेश के 57 जिलों और मध्य प्रदेश के 52 जिलों में आपदा प्रबंधन एवं राहत बचाव कार्यों की जिम्मेदारी हमारी है I राहत बचाव कार्य सहज और सुचारू रूप से हो सके, उसके लिए लखनऊ, गोरखपुर और भोपाल में क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों की स्थापना है। उन्होंने बताया कि वाहिनी में कुल 18 टीमें हर वक्त प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदा से निपटने के लिए सक्षम हैं I बता दें कि, मनोज कुमार शर्मा इसके पहले स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीजी) की कमान संभाल चुके है। वर्ष 1999 में वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में तैनात रहे और अब उन्हें एनडीआरएफ की कमान सौंपी गई है।
हर स्थिति में बाढ़ से निपटने को तैयार
नवनियुक्त कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि इस समय कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन रही है। उत्तर प्रदेश में भी चेतावनी जारी हो चुकी है। एनडीआरएफ सजग दृष्टि रखते हुए लगातार नदियों के जलस्तर की मॉनिटरिंग कर रहा है। हम यूपी शासन, एडडीएमए, रिलीफ कमिश्नर, एसडीआरएफ से समन्वय बनाते हुए टीमें गठित कर दी गई है। जिसमें श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर में एक-एक टीम और लखनऊ, गोरखपुर और भोपाल में दो-दो टीमों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य टीमें अपने संसाधनों के साथ वाहिनी मुख्यालय में तैयारी हालत में हैं व जरूरत पड़ने पर कभी भी, कहीं भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए जा सकती हैं। वाराणसी जनपद व आस-पास के क्षेत्रों के लिए दो टीमें सभी संसाधनों के साथ तैयारी हालत में वाहिनी मुख्यालय में मौजूद हैं और एक टीम दशाश्वमेध घाट पर बाढ़ आपात, भूस्खलन, पक्के महाल में ऑपरेशन के लिए पहले से ही तैनात है I
प्रशिक्षण कार्य में लाई जाएगी तेजी
नवागत कमांडेंट ने कहा कि एनडीआरएफ आपदाओं में प्राथमिक राहत बचाव कार्य करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाती है। एनडीआरएफ सरकारी और गैर सरकारी संगठनों एवं संस्थाओं को भी प्रशिक्षण प्रदान करती है । जिसमें सीएपीएफ के जवानों, एसडीआरएफ, होम गार्ड, एनसीसी कैडेट्स, आपदा मित्र, नेहरू युवा केन्द्र संगठन के वालंटियरों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। बनारस घाटों का शहर है इसलिए घाट के आसपास के लोगों को समय-समय पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
संक्रमण काल में सराहनीय रहा एनडीआरएफ का कार्य
कोरोना के संक्रमण काल में एनडीआरएफ का कार्य सराहनीय रहा। वाहिनी के जवानों ने न केवल घाट के किनारें रहने वाले जरूरतमंदों में राशन सामग्री वितरित की, टीम ने अति संवेदनशील स्थलों, सार्वजनिक स्थानों, संकरी गलियों में बृहद सेनिटाइजेशन अभियान चलाया था। इस काल में एनडीआरएफ के जावनों ने लोगों के स्वास्थ की चिंता करते हुए न केवल स्वच्छता अभियान चलाया बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर चिकित्सकीय कैंप का भी आयोजन किया। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इस दौरान एनडीआरएफ में पौधरोपण कार्य किए है।