समीक्षा बैठक: गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई से कमिश्नर खफा, चीफ इंजीनियर के विरुद्ध लिखा शासन को पत्र
इस वर्ष जनपद में रोपे जाएंगे 18 लाख पौधे
गंगा में चलने वाली 92 नावें सीएनजी में कन्वर्ट हो चुकी हैं
नगर निगम को वाहन स्टैंड का ऐप तैयार करने का सुझाव
वाराणसी,भदैनी मिरर। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने मंडलीय सभागार में निर्माणाधीन प्रमुख 137 परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। जिसमें 29 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 14 कार्य इसी माह पूर्ण हो जाएंगे। अवशेष कार्य इसी वर्ष जुलाई, सितंबर एवं अक्टूबर माह तक पूर्ण होंगे। मात्र 6 से 7 कार्य ऐसे हैं जो अगले वर्ष मार्च तक पूर्ण होंगे। कमिश्नर ने परियोजनाओं की कार्यदाई संस्थाएं यथा- एनएचएआई, सीपीडब्ल्यूडी, ब्रिज कारपोरेशन, पीडब्ल्यूडी, यूपी सिडको, राजकीय निर्माण निगम, यूपीपीसीएल, सीएण्डडीएस, आवास विकास, गंगा प्रदूषण निर्माण इकाई जल निगम, स्मार्ट सिटी आदि को निर्देशित किया कि कार्यों में युद्ध स्तर पर कार्य कराएं। सुरक्षा मानकों का हर स्तर पर ध्यान रखें।
वाराणसी में लगेंगे 18 लाख पौधे
वृहद वृक्षारोपण के तहत जनपद में 18 लाख पौधे लगेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायतवार माइक्रो प्लान बनाकर वृक्षारोपण होगा। कमिश्नर ने ग्रीनपैच विकसित करने पर बल दिया। रोहनिया के पास 2.5 हेक्टेयर में एकीकृत वृक्षारोपण होगा और एक बड़ा ग्रीनपैच विकसित होगा। कमिश्नर ने वृक्षारोपण को सुरक्षित व संरक्षित करने पर जोर दिया।
सीएनजी में कन्वर्ट की गई 92 नावें
गंगा में चलने वाली 92 नावों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा चुका है। कुछ नावें प्रतिदिन सीएनजी भरवातें हैं। बताया गया कि 50 फीसदी बचत हो रही है। नाव चलने की क्षमता भी अच्छी है। पर्यावरण की दृष्टि से सीएनजी चालित नावों से अच्छा मैसेज जाएगा। जनपद में 11 सीएनजी स्टेशन संचालित हैं। 5500 घरों में घरेलू गैस की आपूर्ति की जा रही है। कमिश्नर ने जलनिगम, विद्युत, गेल आदि कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि शहर आदि क्षेत्र में कार्य के दौरान कोई गड्ढा आदि खोलते हैं तो उसे ठीक से बैरिकेडिंग, लाल फ्लैग चेतावनी आदि से सुरक्षित करें। ताकि कोई हादसा की संभावना नहीं बने। कमिश्नर ने यह भी चेताया कि यदि किसी कार्यदायी संस्था द्वारा खोदे गए गड्ढे आदि में कोई हादसा होता है तो संबंधित के विरुद्ध एफआईआर होगी।
बैठक में बताया गया कि बीएचयू में 100 बेड एमसीएच विंग 45.5 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हो चुका है। रुद्राक्ष बन गया है। गोदौलिया पार्किंग इसी माह पूर्ण हो जाएगी। ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, नारायणपुर मार्ग, कादीपुर से नकई मार्ग, पांडेपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में 50 बेड महिला अस्पताल, केंद्रीय उच्च तिब्बत शिक्षण संस्थान का कार्य, रामेश्वर में पर्यटन विकास कार्य, कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर कार्य, गर्ल्स हॉस्टल अराजीलाइन व कस्तूरबा विद्यालय चिरईगांव, प्राइमरी स्कूल कटरी, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण कार्य, जिला न्यायालय के निर्माण कार्य, रूपचंदपुर व सीवों पेयजल योजना, मछोदरी स्कूल निर्माण आदि कार्य पूर्ण हो चुके हैं। सितंबर में टाउन हॉल पार्किंग तैयार हो जाएगी। इस अवसर पर कुंडो के सुंदरीकरण, संपूर्णानंद स्टेडियम के विकास, दशाश्वमेध घाट के विकास, खिड़कियां घाट परियोजना, पुरानी काशी के वार्डों के विकास कार्य, घाटों पर हेरिटेज साइनेज कार्य, शहर के तालाबों के सुंदरीकरण कार्य, ट्रांस वरुणा कार्य, आईपीडीएस के कार्य, शहर के चौराहों के सौंदर्यीकरण, विभिन्न वाहन पार्किंग कार्यो, गंगा प्रदूषण नियंत्रण के विभिन्न कार्य, पर्यटन विकास के विभिन्न कार्य, जनपद में निर्माणाधीन विभिन्न पुलों, आरओबी, सड़कों के चौड़ीकरण, रिंग रोड निर्माण कार्य आदि की बिंदुवार समीक्षा हुई। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के बालिका हॉस्टल, अन्य हॉस्टल एवं बिल्डिंग के निर्माण कार्य जो पूर्ण हो गए हैं कार्यदाई संस्था उन्हें मूल विभाग को तत्काल हैंडओवर करें। ताकि जन उपयोगिता में लाया जाए।
कमिश्नर का सुझाव नगर-निगम तैयार करें वाहन स्टैंड एप
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने सुझाव दिया कि नगर निगम शहर की पार्किंग स्थलों पर एक ऐप तैयार कर जन सामान्य हेतु लांच करें। जिसमें शहर की समस्त सरकारी, गैर सरकारी, सार्वजनिक पार्किंग स्थलों को समाहित करें। ताकि कोई व्यक्ति शहर में जाता है तो उसे ऐप के माध्यम से निकटष्ट वाहन पार्किंग का पता हो सके। ऐप में पार्किंग के रेट भी दिए जाए। समीक्षा के दौरान गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के कार्यों में धीमी गति पर तथा कार्यों को पूर्ण करने हेतु बार-बार समय अवधि बढ़ाने पर कमिश्नर ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इनके चीफ इंजीनियर के विरुद्ध कार्यवाही हेतु शासन को लिखने का निर्देश दिया।
बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, वीसी वीडीए ईशा दुहन, नगर आयुक्त गौरांग राठी सहित विभिन्न विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी एवं अभियंता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।