रिटायर इंस्पेक्टर से 52.30 लाख की ठगी, कस्टम और CBI अफसर बनकर साइबर ठगों ने किया था कॉल फिर….

आए दिन साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं, अभी ठगी का ताजा मामला प्रयागराज से सामने आया है.

रिटायर इंस्पेक्टर से 52.30 लाख की ठगी, कस्टम और CBI अफसर बनकर साइबर ठगों ने किया था कॉल फिर….

आए दिन साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं, अभी ठगी का ताजा मामला प्रयागराज से सामने आया है. यहां एक रिटायर इंस्पेक्टर से साइबर ठगों ने कस्टम और सीबीआई अफसर बन कॉल किया और 52.30 लाख रुपए ठग लिए.

मिली जानकारी के अनुसार कर्नलगंज थाना क्षेत्र निवासी रिटायर इंस्पेक्टर को साइबर ठाकुर ने मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी की विभिन्न धाराओं में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में केस दर्ज होने का डर दिखाया और कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट संपत्ति जपती के आदेश का हवाला दिया इसके बाद साथियों ने 15 लख रुपए कई खाते में ट्रांसफर करवा लिए. 

इसके बाद रिटायर इंस्पेक्टर ने तहरीर दी, जिसमें उन्होंने बताया कि 19 मई को उनके पास एक नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को सुमित मिश्र कमिश्नर कस्टम ऑफिस दिल्ली एयरपोर्ट बताते हुए कहा कि क्या आपने अपने नाम से कुछ एटीएम, जाली पासपोर्ट वाला पार्सल दिल्ली से कुआलालंपुर भेजा है. उन्होंने मना किया तो शातिर ने सुनील कुमार को सीबीआई अफसर बताकर बात करवाई. सुनील ने भी वही बात पूछीं. मना करने पर आधार कार्ड की फोटो भेजने के लिए कहा.

इसके बाद रिटायर इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की प्रति व्हाट्सएप पर भेजी. इसके बाद सीबीआई अफसर बताकर अनिल यादव से बात कराई. अनिल यादव ने बताया कि आपके खिलाफ मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग का केस विभिन्न धाराओं में वसंत कुंज थाने में दर्ज है. इस मामले में कोर्ट से अरेस्ट वारंट, संपत्ति जब्ती का आदेश भी जारी हुआ है. रिटायर इंस्पेक्टर ने आरोपों को निराधार बताया. इस पर शातिरों ने कोर्ट की कथित फर्जी वेबसाइट बताई.

रिटायर इंस्पेक्टर ने वेबसाइट पर चेक किया तो सारे आदेश दिखाई दे रहे थे. इस पर वह घबरा गए. इसके बाद शातिर ने पूरी संपत्ति, बैंक खाते, एफडी, म्यूचुअल फंड की जानकारी ली, फिर अनिल यादव ने 20 लाख की एफडी, 22 लाख 30 हजार का म्यूचुअल फंड और 10 लाख रुपये जमानत के लिए कई किस्तों में विभिन्न खातों में आरटीजीएस के माध्यम से स्थानांतरित करवा लिए, बाद में रिटायर इंस्पेक्टर ने जांच की तो पता चला कि वह ठगी के शिकार हुए हैं. इस पर साइबर क्राइम थाने पहुंचे और तहरीर दी. पुलिस नाम और मोबाइल नंबर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है.