अन्नपूर्णा के भंडारे में बन रहा प्रसाद, धनतेरस के लिए सज रहा माँ का दरबार, 8 तस्वीरों में देखें तैयारियां...

वाराणसी (Varanasi) के प्रसिद्ध श्री माता अन्नपूर्णा मंदिर (Mata Annapurna) में धनतेरस की तैयारियां शुरु हो गई है। माता का दरबार सजकर तैयार है।

अन्नपूर्णा के भंडारे में बन रहा प्रसाद, धनतेरस के लिए सज रहा माँ का दरबार, 8 तस्वीरों में देखें तैयारियां...

वाराणसी,भदैनी मिरर। अन्नकूट महोत्सव पर 5 नवंबर को काशी के मंदिरों में एक से बढ़कर एक झांकियां सजेंगी। काशी विश्वनाथ मंदिर, माता अन्नपूर्णा मंदिर समेत शहर के प्रमुख विग्रहों में अन्नकूट श्रृंगार देखने लायक होगा। अभी देवालयों में 56 प्रकार के व्यजनों का भोग भगवान के समक्ष लगता है। देवालयों के भंडारों में मिष्ठान-नमकीन बनने का कार्य भी शुरू हो चुका है। इस अलौकिक पर्व को देखने के लिए देश-दुनिया से लोग काशी आते है। भगवान का प्रसाद बनाने में हर सुद्धता का विशेष ध्यान दिया जाता है। अन्न-धन्न देने वाली मां अन्नपूर्णा के दरबार में अन्नकूट पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी है। मंदिर के भंडारे में 56 भोग बनने लगा है।

मंदिर के प्रथम तल पर होने वाले स्वर्णमयी माता के दर्शन को जाने के लिए अस्थाई सीढ़ी बनने लगी।

कच्चा-पक्का हर प्रकार के व्यंजन का लगता है भोग

अन्नकूट पर्व को लेकर महंत शंकरपुरी ने बताया कि तैयारियां शुरू हो चुकी है। माता के समक्ष शुक्रवार को अन्नकूट पर्व पर 56 प्रकार के व्यजनों का भोग लगेगा। कुल करीब 501 कुंतल वजन होगा। इस साल अन्नकूट पर 11 तरह के लड्डुओं से मां भगवती के गर्भगृह को सजाया जाएगा। जिसका दर्शन भक्त करेंगे। शनिवार से भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाएगा।

यह व्यंजन हो रहे तैयार

प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि तैयार हो रहे भोग में बेसन लड्डू, दल का लड्डू, सुरन लड्डू, मेवा लड्डू, गोद लड्डू, तीसी लड्डू, सोंठ लड्डू, मोतीचूर लड्डू, लड्डू बहार, लड्डू गोपाल, बालू साही, खुरमा, मगदल, बर्फी, सोनपापड़ी, घेवर, सोहन हलुआ, मनशूर, जलेबा, इमरती, जलेबी, शिव भोग, राज भोग, बेकुण्ड भोग, चना दालमोट, काजू कतरी, बादाम और 21 तरह की नमकीन आदि तैयार हो रहे। पूरे भोग को तैयार करने में हलुआई समेत 75 कारीगर दिन रात लगे हुये है।

सज रहा माँ का दरबार

वहीं, दो नवंबर धनतेरस पर्व से शुरू हो रहे स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है। अस्थायी सीढ़ी बनने का कार्य शुरू हो गया। पूरे मंदिर परिसर की भव्य सजावट की जा रही है। सुरक्षा बाबत करीब दो दर्जन कमरें लगाए गए है। कंट्रोल रूम बनाया गया है। मेडिकल टीम तैनात रहेगी।