अरणि मंथन से अग्नि देव को किया प्रज्ज्वलित, स्वामी प्रखर महाराज बोले कोरोना के शमूल नाश के लिए डाली गई आहुति...

Arni churning ignited the fire god Swami Prakhar Maharaj said that the sacrifice was made for the destruction of Coronaअरणि मंथन से अग्नि देव को किया प्रज्ज्वलित, स्वामी प्रखर महाराज बोले कोरोना के शमूल नाश के लिए डाली गई आहुति...

अरणि मंथन से अग्नि देव को किया प्रज्ज्वलित, स्वामी प्रखर महाराज बोले कोरोना के शमूल नाश के लिए डाली गई आहुति...

वाराणसी,भदैनी मिरर। शंकुलधारा पोखरा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में आयोजित 51 दिवसीय श्री लक्षचण्डी महायज्ञ के तीसरे दिन गणपति पूजन एवं दुर्गासप्तशती का लयबद्ध पाठ का आयोजन किया गया। इसके अलावा यज्ञशाला में स्थापित देवताओं एवं सर्वतोभद्र, पंचागपीठ का पूजन अर्चन किया गया।

शास्त्रों के मुताबिक धार्मिक अनुष्ठान के लिए अरणि मंथन से ही अग्निदेव को प्रज्ज्वलित करने का विधान है। इसके तहत महायज्ञ के लिए अरणि मंथन से अग्नि की स्थापना की गई। महामंडलेश्वर स्वामी श्री प्रखर जी महाराज ने बताया कि यज्ञ में आहुति के लिए अग्नि की आवश्यकता होती है। अग्नि व्यापक हैं लेकिन यज्ञ के निमित्त उसे प्रकट करने के लिए भारत में वैदिक परंपरा के अनुसार अरणी मंथन किया जाता है। स्वामी पूर्णानंद पुरी महाराज ने यज्ञशाला की परिक्रमा की और कहा कि लक्षचण्डी यज्ञ के दौरान उत्पन्न ऊर्जा व्यापक एवं अत्यंत प्रभावशाली होती है। कोरोना  महामारी के शमूल नाश के लिए यज्ञशाला में आहुति डाली गई।

पूरे अनुष्ठान में मुख्य आचार्य सुनील दीक्षित, अरुण दीक्षित, आचार्य गौरव शास्त्री आत्मबोध प्रकाश, मां चिदानंदमयी, महायज्ञ समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार खेमका, सचिव संजय अग्रवाल, सह सचिव राजेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनील नेमानी मुख्य रुप से मौजूद रहे।