देश भर में 11 लाख स्थानों पर आदि विशेश्वर के प्रतीक पूजा की हुई शुरुआत, बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गांव-गांव पहुंचेंगे कार्यकर्ता...

ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा किए जाने से रोकने के बाद अब आदि विशेश्वर की पूरे देश में 11 लाख स्थानों पर प्रतीक पूजा कराने के ऐलान के बाद स्वामी मुक्तेश्वरानंद ने इसकी शुरुआत शुक्रवार को कर दी. उन्होंने केदारेश्वर को आदि विशेश्वर मानकर पूजा की और कहा कि अब हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव इस पूजा को पहुंचाएंगे.

देश भर में 11 लाख स्थानों पर आदि विशेश्वर के प्रतीक पूजा की हुई शुरुआत, बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गांव-गांव पहुंचेंगे कार्यकर्ता...
भगवान श्री केदारेश्वर को आदि विशेश्वर मानकर प्रतीक पूजा करते स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद।

वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शुक्रवार को ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की प्रतीक पूजा पूरे देश में 11 लाख स्थानों पर कराने के अपने संकल्प की शुरुआत शुक्रवार को केदार घाट स्थित श्री केदारेश्वर मंदिर से कर दी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वटुकों के साथ मंदिर गए और विधिवत दर्शन-पूजन किया.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की आज (शुक्रवार) से पूरे देशभर में आदि विश्वेश्वर की प्रतीकात्मक पूजा की शुरुआत की गई है. योजना पूरी तरह से तैयार कर ली गई है. भारत के 7 लाख गांव और 4 लाख शहरी मुहल्लों को मिलाकर के 11 लाख स्थानों पर भगवान विशेश्वर की प्रतीक पूजा आयोजित की जाएगी.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की कम से कम प्रत्येक गांव में एक अधिक से अधिक पूजा कराने का संकल्प है. आज शुरुआत हुई है इसके बाद सभी प्रदेशों और जिलों की कमेटी बनेगी और गांव-गांव जाकर पूजा संपादित करवाएगी. अगले छह महीनों में इसको विस्तार दे दिया जायेगा.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की यह हमें इसलिए करना पड़ रहा है की  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाबजूद भी हमें हठपूर्वक मठ में रोक दिया गया. जबकि यह दायित्व जिलाधिकारी का था की वह सनानतधर्मियों से भी वार्ता करें और शिवलिंग (आदि विशेश्वर) की पूजा करवाए. हम अपनी काशी में ही अपने आराध्य की पूजा करने से वंचित है.