ढ़ाई वर्ष बाद भी नहीं लगी प्रतिमा: परिजनों संग कांग्रेसियों ने कमिश्नर से की मुलाकात, लगाया आरोप धरातल पर कोई काम नहीं, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में विशाल पांडेय हुए थे शहीद
वाराणसी, भदैनी मिरर। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में ढाई साल पहले हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए काशी के लाल विशाल पांडेय की आज तक प्रतिमा स्थापित नहीं की जा सकी। इसके साथ ही शहीद विशाल की स्मृति में न द्वार बना और न उनकी गली को उनका नाम दिया गया। इसे लेकर शहीद विशाल के पिता विजय शंकर पांडेय के साथ बुधवार को कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधमंडल वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से मिला।
विजय शंकर पांडेय और कांग्रेसियों ने कहा कि शहीद के सम्मान में सरकार की ओर से जो वादे किए गए थे वह आखिरकार कब पूरे होंगे। गौरतलब है कि विशाल वायुसेना में को-पायलट थे। 27 फरवरी 2019 को हेलीकॉप्टर एमआई-17 क्रैश होने की वजह से वह शहीद हो गए थे।
मंत्रियों ने किया था यह वादा
शहादत की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी और मंत्री अनिल राजभर शहीद विशाल पांडेय को श्रद्धांजलि देने उनके घर गए थे। दोनों मंत्रियों ने कहा था कि सांस्कृतिक संकुल में शहीद विशाल की प्रतिमा लगेगी। जिस गली में उनका आवास है वहां मुख्य द्वार बनेगा। जिस गली में उनका घर है उसका नामकरण शहीद विशाल पांडेय के नाम पर रखा जाएगा। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या शहीद विशाल पांडेय के घर जाकर कहा था कि सांस्कृतिक संकुल में उनकी प्रतिमा लगेगी। जिस गली में उनका आवास है वहां मुख्य द्वार बनेगा। गली का नामकरण शहीद विशाल पांडेय के नाम पर किया जाएगा। यहीं बातें वाराणसी के मंत्री रविंद्र जयसवाल ने भी कही थी।
संवेदनहीन है प्रदेश की भाजपा सरकार
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में शहीद के सम्मान में सरकार का वादा ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने वादा किया, लेकिन हकीकत के धरातल पर कोई काम नही हुआ है। प्रदेश की भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की जितनी निंदा की जाए वह कम है। इस सरकार में शहीदों का कोई सम्मान नहीं है और वादे हमेशा बड़े-बड़े किए जाते हैं।
बोले नेता यदि निर्णय नहीं तो हम लगवाएंगे प्रतिमा
कांगेस नेताओं ने मंडलायुक्त से कहा कि वह 15 दिन के अंदर इस प्रकरण पर निर्णय लें। अगर सरकार से शहीद की शहादत का सम्मान नहीं हो पा रहा है तो सांस्कृतिक संकुल में उन्हें एक जगह दे दी जाए। कांग्रेसजन काशी के लाल की स्मृति में काशीवासियों से अंशदान एकत्रित करके शहीद की भव्य प्रतिमा लगवाएंगे और उनकी स्मृति में द्वार बनवाएंगे।
अगर 15 दिन के बाद कोई निर्णय नहीं हुआ और जगह भी नहीं मिली तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता शहीद के सम्मान में उनके परिजनों के साथ जन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। मंडलायुक्त से मुलाकात करने वालों में शैलेन्द्र सिंह, मनीष चौबे, ओमप्रकाश ओझा, मनीष मोरोलिया, मयंक चौबे, चंचल शर्मा, विश्वनाथ कुंवर, अशोक सिंह, हसन मेंहदी कब्बन, लालजी यादव, रोहित दुबे, मेंहदी हसन, जुबेर जी बागी, विनीत चौबे, अनुभव राय आदि शामिल थे।