महिलाओं के साथ पुरुषों में भी बढ़ रही बांझपन की शिकायत, जाने कारण और टेस्टट्यूब बेबी का सही समय...

Infertility complaints are increasing in men as well as women, know the reasons and the right time for test tube baby. पुरुषों में भी बढ़ रही महिलाओं के साथ बांझपन की शिकायत. बांझपन में टेस्टट्यूब बेबी एक बेहतर रास्ता है.

महिलाओं के साथ पुरुषों में भी बढ़ रही बांझपन की शिकायत, जाने कारण और टेस्टट्यूब बेबी का सही समय...

वाराणसी, भदैनी मिरर। इन दिनों बांझपन महिलाओं में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ऐसे में प्रजनन क्षमता की कमी होने के कारण कपल्स को कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे लेकर आइए जानते हैं गंगा सेवा सदन हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ स्वास्तिका तिवारी का विचार..

महिलाओं में बांझपन की शिकायतें लगातार आ रही है, इसका कारण?

जीवनशैली और आहार में पौष्टिकता की कमी सेहत के लिए कई तरह से नुकसानदायक साबित हो सकती है। इससे प्रजनन संबंधी दिक्कतें भी ऐसी ही एक समस्या है। यह सिर्फ महिलाओं में ही नही बल्कि पुरुष दोनों में हो रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक पहले यह 10 प्रतिशत हुआ करती थी। लेकिन अब यह बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई है। इसका सबसे बड़ा करण है आजकल की बदलती जीवनशैली, ज्यादा बाहर के खाने का सेवन, फास्टफूड का सेवन, मोटापा। इन सबके कारण महिलाओं में सीओपीडी नामक बीमारी बढ़ रही है। जिससे पीरियड्स प्रॉब्लम और हार्मोनल इम्बैलेंस होता है। जो आगे चलकर बांझपन का कारण बन रहा है। साथ ही देर से शादियों का होना। महिलाओं में 20 से 30 वर्ष तक के अंदर ही फर्टिलिटी होती है। 35 के बाद यह घट जाती है। लेकिन देर से शादियां होने के कारण ज्यादातर अब महिलाएं 35 वर्ष के बाद ही कंसीव कर रही हैं। जिससे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही स्मोकिंग, एल्कोहल का सेवन भी बांझपन का एक कारण है। 

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टेस्टट्यूब बेबी महिलाओं के लिए कितना कारगर है?

डॉ स्वस्तिका कहती हैं कि टेस्टयूब बेबी एक अच्छा विकल्प है। पहली बार ट्रीटमेंट कराने पर इसकी सक्सेस रेट 30 प्रतिशत होती है और दूसरी बार 40 से 60 प्रतिशत सक्सेस रेट का दावा किया जाता है। लेकिन इसकी सफलता महिलाओं की उम्र पर निर्भर करती है। टेस्टट्यूब के लिए भी सही उम्र 20 से 30 वर्ष ही है। 

महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण? इस बीमारी से मृत्यु का प्रतिशत कितना है?

डॉ स्वास्तिका बताती हैं कि इन दिनों महिलाओं में स्तन कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पहले सर्वाइकल कैंसर नं 1 पर था लेकिन अब यह पोजिशन स्तन कैंसर ने ले ली है। महिलाओं में होने वाले कैंसर में 20 प्रतिशत स्तन कैंसर ही होता है। यदि इसका सही समय पर इलाज कराया जाय तो कैंसर होने के 5 वर्ष तक सर्वाइव किया जा सकता है। इसमें मृत्युदर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है जागरूकता की कमी। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और शर्म के कारण महिलाएं समय पर अपना इलाज नहीं करा पाती जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है।