बोले डॉ एस के पाठक 10 में 9 व्यक्ति ले रहा प्रदूषित हवा में सांस, मौत का चौथा कारण बना COPD,  प्रभावित हैं करोड़ो लोग...

डॉ पाठक बताते हैं कि आज वायु प्रदूषण दुनिया की एक बड़ी  समस्या में से एक है। कई बीमारियों का कारण वायु प्रदूषण है। दमा, सीओपीडी, एलर्जी और फेफड़े की अन्य बीमारियों का मुख्य कारण वायु प्रदूषण ही हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ 20 लाख मौतें पर्यावरण प्रदूषण के कारण हुई हैं।

बोले डॉ एस के पाठक 10 में 9 व्यक्ति ले रहा प्रदूषित हवा में सांस, मौत का चौथा कारण बना COPD,  प्रभावित हैं करोड़ो लोग...

वाराणसी,भदैनी मिरर। दुनियाभर में क्रोनिक ऑब्स्ट्रेकट पुलम्नेरी डिजीज (COPD) से करीब 21 करोड़ लोग प्रभावित हैं और यह मृत्यु का चौथा कारण बनी हुई है I दुनियाभर में सीओपीडी से जितनी मृत्यु होती है, उसमें से एक चौथाई हिस्सा भारत का है। साल 2016 में सीओपीडी के 2 करोड़ 22 लाख रोगी थे I यह बीमारी समय के साथ गंभीर होती जाती है और कई बार यह जानलेवा तक हो सकती है I उक्त बातें विश्व सी.ओ.पी.डी दिवस के एक दिन पूर्व ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान वरिष्ठ टी.बी, एलर्जी, श्वांस रोग विशेषज्ञ  डॉ एस. के पाठक ने कही। 

प्रतिवर्ष होती हैं लगभग एक करोड़ 20 लाख मौतें

डॉ पाठक बताते हैं कि आज वायु प्रदूषण दुनिया की एक बड़ी  समस्या में से एक है। कई बीमारियों का कारण वायु प्रदूषण है। दमा, सीओपीडी, एलर्जी और फेफड़े की अन्य बीमारियों का मुख्य कारण वायु प्रदूषण ही हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ 20 लाख मौतें पर्यावरण प्रदूषण के कारण हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर 10 व्यक्तियों में से 9 व्यक्ति प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। लगभग 42 लाख लोग वायु प्रदूषण की वजह से मौत के शिकार हुए और 38 लाख लोगों की मौत कुकिंग और प्रदूषित ईंधन के कारण हुई। भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 12 लाख मौतें होती हैं। यदि व्यापक रोकथाम न हुई तो यह आंकड़ा सन् 2050 तक 36 लाख मौतों को पार कर जाएगा।

वाराणसी विश्व के तीसरा सबसे प्रदूषित शहर

डॉ. एस.के पाठक ने बताया कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार विश्व के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के हैं। इनमें अपना बनारस - कानपुर और गाज़ियाबाद के बाद तीसरे सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में है। वाराणसी की खुली हवा में 2-3 घंटो चलने पर फेफड़ो की कार्य क्षमता में 20-25 प्रतिशत तक का गिरावट हो जाता हैं, जिसको वापस सही होने में काफी दिन लग जाते हैं I डॉ. पाठक ने यह भी बताया कि इसका मुख्य वजह पिछले कुछ दिनों व महीनों की भयावक वायु प्रदुषण, जहरीले स्मॉग व स्मोकिंग हैं, जिसमे दिवाली में जलाए गए पटाखें भी सम्मिलित हैं I 

COPD के कारक और बचाव

 डॉ. एस.के पाठक ने बताया कि यदि आपकी उम्र 35 वर्ष या उससे ऊपर है और आपको खांसी के साथ ज्यादातर बलगम आना, यदि आप धूम्रपान करने या धुएं के संपर्क में आने से यह समस्या दोगुनी हो जाती हैं और इसका निदान आसान नहीं

डॉ पाठक ने बताया कि ज्यादातर साँस लेने में तकलीफ, खासकर एक्सरसाइज करते समय, सीने में दबाव जैसा महसूस होना, पैदल चलने में भी सांस फूलना, शरद ऋतू में या मौसम के बदलाव में कफ़ बढ़ जाना भी सी.ओ.पी.डी के कारक हैं आमतौर पर इसके लक्षण 35 से 40 वर्ष की अवस्था में दिखाई देते है। वायु प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। इंडस्ट्रियल एरिया में जाना हो तो एंटी पाल्यूशन मास्क और आंखों पर चश्मा लगाकर जाएं। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए घर में एयर फ़िल्टर मशीन लगवानी चाहिए। इससे सांस की बीमारियां कम होती हैं। घर से बाहर तभी बाहर घूमने टहलने निकलें जब पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कम हो। प्रयोग में आने वाली पेट्रोल डीज़ल से चलने वाली ग‌ड़ियों का नियमित प्रदूषण कार्ट बनवाएँ। बाहर से घर वापस आने के बाद मुँह, हाथ और पैर साफ़ पानी से धोने चाहिए। घर के आस पास कूड़े कचरे को न जलाएं। प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए ज़रूरी है कि ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ पौधे लगाएँ, क्योंकि पेड़ कार्बन डाइ ऑक्साइड सोखते हैं, और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसके अलावा अपने चिकित्सक द्वारा डी गयी दवा का नियमित इस्तमाल करे I

कल निकालेंगे जागरूकता रैली

डॉ. पाठक ने बताया की बीमारियों के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए ब्रेथ ईजी अभियान चलाता रहता हैं, जिसमे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, क्लिनिक, जन जागरूकता रैली, मोबाइल कैंप प्रमुख हैं I इसी कड़ी में सी.ओ.पी.डी दिवस के उपलक्ष में 21 नवम्बर प्रात: 7 बजे से एक जन जागरूकता रैली का आयोजन भी किया गया हैं, रैली की शुरुआत डॉ एस. के पाठक (वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) व श्री मति सुनीता पाठक (निदेशिका, ब्रेथ ईजी)  संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर करेंगे, जो कि ब्रेथ ईजी अस्सी, वाराणसी से शुरू होगी तथा लंका- दुर्गाकुंड-सोनारपुरा मार्ग से होते हुए अस्सी घाट पे समाप्त होगी I इस रैली में शहर के युवा एवं सम्मनित नागरिक भी बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे I इसके बाद प्रात: 10 बजे से ब्रेथ ईजी मोबाइल कैंप का भी आयोजन किया गया हैं, जिसमे ब्रेथ ईजी वैन वाराणसी के प्रमुख चौराहों पर जाकर वाराणसी के जनता की फेफड़ो की जाँच - कंप्यूटर मशीन द्वारा करेगी I इसी कड़ी में 22 नवम्बर (गुरुवार) को ब्रेथ ईजी वैन रामनगर, पड़ाव व चंदासी के जनता की फेफेड़े की जाँच करेगी I