काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर आयरलैंड में भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा बोले- मैं पहले बनारसी हूँ, काशी से बढ़ गया ग्लोबल कनेक्शन
Indian Ambassador to Ireland Akhilesh Mishra said on Kashi Vishwanath Corridor I am first Banarasiकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर आयरलैंड में भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा बोले- मैं पहले बनारसी हूँ, काशी से बढ़ गया ग्लोबल कनेक्शन
वाराणसी,भदैनी मिरर। वाराणसी के मूल निवासी और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पूर्व छात्र आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर काफी उत्साहित है। वह कहते है कि आयरलैंड में युवा और पहले जनरेशन के करीब 50 हजार प्रवासी भारतीय रहते है। वह कहते है कि मुझसे लेकर उन सभी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और आयोध्या के श्री राम जन्म भूमि के दर्शन की इच्छा है। वह कहते है कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण जो विस्तार हुआ है उससे ग्लोबल कनेक्शन बढ़ गया है। यह तय है कि तंग गलियों से निजात मिलेगा तो पर्यटकों को भी काफी सहूलियत होगी। यहां की प्राचीनता अब मॉर्डन काशी के रूप ले रही है। उन्होंने बताया कि वाराणसी और आयरलैंड के बीच जल्द ही सीधी उड़ान भी होने की संभावना बन रही है।
मैं पहले बनारसी हूँ
अखिलेश मिश्रा कहते है कि मैं चाहे जहा भी चला जाऊ, मैं पहले बनारसी हूँ, और काशी की संस्कृति और अपने माटी की सभ्यता तो समूचे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है। आयरलैंड में बनारस के कल्चर के प्रचार-प्रसार कर वाराणसी और आयरलैंड के बीच मजबूत संबंध स्थापित होगा। यह लोग भ्रम फैलाते है कि निरंकुश सत्ता लोकतंत्र का नियम ही तेज विकास में बाधा है तो उनके लिए बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर एक उदाहरण हैं। अथाह घनी बस्ती के बीच गंगा से बाबा को मिला देना यह सिद्ध करता है कि भावना ठीक हो तो लोकतंत्र भी काम करता है। अखिलेश मिश्रा ने दिव्य काशी में भव्य काशी विश्वनाथ धाम निर्माण पर डब्लिन आयरलैंड की ओर से बनारसवासियों को विशेष शुभकामनाएं भी दी। काशी की भयानक घनी बस्ती में गंगा और गंगाधार के बीच विशाल रास्ता बना देना एक सपना था। जिस तेजी से भूमि का अधिग्रहण कर निर्माण पूरा हुआ वह एक मैजिक है। आधुनिक भारत के इतिहास में अद्भुत घटना है। इसका महत्व आने वाली शताब्दियों में दिखेगा।
करोड़ो लोगों के लिए शुभ समाचार है कॉरिडोर
वह कहते है कि आयरलैंड आए 2 महीने हो गए। यहां पर जितने भी लोगों से मिला उन्होंने मेरे अपने बनारस के ही बारे में पूछा। बनारस की ही महानता लोगों को सुनना था। भारतीय मूल के अलावा विदेशी लोगों भी बनारस, धर्म, योग और अध्यात्म को जानने की रूचि बढ़ी है। पिछले साल तो एक आइरिश को अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मान दिया गया। अखिलेश मिश्रा ने कहा कि कॉरिडोर विश्वभर के उन करोड़ों लोगों के लिए शुभ समाचार है। जो सुख और संपन्नता के बावजूद मानसिक तनाव और विषाद से परेशान रहते हैं। शांति की खोज में भारत आना चाहते हैं। जहां बाबा काशी विश्वनाथ धाम का कॉरिडोर में निवास करना उनकी प्राथमिकता होगी।