घर-घर मच्छरों का लार्वा खोज रहे स्वास्थ्यकर्मी : 91 घरों को दिया गया नोटिस, CMO ने की काशीवासियों से घरों के पास साफ-सफाई की अपील
जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग को डूडा के सहयोग से 30 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स मिले हैं जो नगर के पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों यानि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में घर–घर जाकर मच्छरों के लार्वा की जांच कर रहे हैं
वाराणसी, भदैनी मिरर। जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग को डूडा के सहयोग से 30 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स मिले हैं जो नगर के पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों यानि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में घर–घर जाकर मच्छरों के लार्वा की जांच कर रहे हैं. जिन घरों में बार–बार लार्वा पाया जा रहा है, उन्हें नोटिस दिया जा रहा है. साथ ही सतर्क और सावधान रहने की अपील की जा रही है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ग्रामीण व नगर के पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में लगातार निरोधात्मक कार्यवाई की जा रही है. इसके लिए स्क्रीनिंग और जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं. साथ ही डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स, घर – घर जाकर मच्छरों का लार्वा खोजने और स्रोत विनाष्टीकरण का कार्य कर रहे है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम नगर निगम और पंचायती राज के सहयोग से ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में एंटीलार्वा का छिड़काव और फोगिंग भी कर रही है.
डेंगू के रोगियों के उपचार के लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और समस्त सरकारी चिकित्सालयों में मच्छरदानी युक्त बेड आरक्षित किए गए हैं. चारों सरकारी चिकित्सालयों क्रमशः एसएसपीजी कबीर चौरा, डीडीयू पाण्डेयपुर, एलबीएस रामनगर और एसवीएम भेलूपुर में 20-20 बेड मच्छरदानी युक्त आरक्षित किए गए हैं. समस्त शहरी व ग्रामीण सीएचसी पर 10 – 10 बेड और पीएचसी पर 5 बेड मच्छरदानी युक्त आरक्षित किए गए हैं. प्रत्येक चिकित्सालय के वार्ड में डेंगू मरीज का एडमिन, डिस्चार्ज और प्लेटलेट प्रोटोकॉल आवश्यक रूप से प्रदर्शित करने के लिए निर्देशित किया गया है.
सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए सभी अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जल जमाव न की स्थिति पैदा होने दें. रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर आदि का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं. उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया बुखार’ का संदेश दिया।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि एक अगस्त से 30 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स, घर – घर जाकर मच्छरों का लार्वा खोजने का कार्य कर रहे हैं. अब तक करीब 22,260 घरों का भ्रमण किया गया, जिसमें 56040 स्थानों और पात्रों पर लार्वा स्रोत पाये गए. समस्त स्रोतों का विनष्टीकरण कराया गया. 91 ऐसे घर पाये गए जहां बार-बार लार्वा स्रोत पाये गए, उन घरों को नोटिस दिया गया. एक अगस्त से अब तक करीब 1097 बुखार के मरीज पाये गए. जांच में कोई भी मलेरिया पॉज़िटिव नहीं मिला जबकि डेंगू का एक संभावित व्यक्ति मिला है। एलाईजा जांच में पॉज़िटिव आने पर ही डेंगू की पुष्टि निर्धारित है.