ज्ञानवापी प्रकरण: 45 मिनट तक जिला जज के कोर्ट में चली सुनवाई, फैसला कल तक के लिए सुरक्षित...
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जिला जज की कोर्ट में पहले दिन की सुनवाई पूरी हुई. जिला जज ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और कल मंगलवार तक फैसला सुरक्षित रख लिया.
वाराणसी,भदैनी मिरर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज के न्यायालय में सोमवार को सुनवाई पूरी हुई। 45 मिनट तक दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट रूम में 19 वकीलों के अलावा याचिकाकर्ता मौजूद रहे। बहस के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
ज्ञानवापी से जुड़ी सर्वे रिपोर्ट शनिवार को ही अदालत को सौंप दी गई थी। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने पहले फैसला सुनाने से रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में इजाजत दे दी। इसके साथ ही मामले को सेशन कोर्ट से जिला अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। कोर्ट कमिश्नर रहे अजय मिश्रा को कोर्ट रूम जाने से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। जिला अदालत में सुनवाई को लेकर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बाहर बड़ी संख्या में जवान तैनात रहे, सुनवाई के दौरान भीड़ न लगे, इसका भी ध्यान रखा गया था।
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महंत ने भी दायर की याचिका
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी सोमवार को जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के स्नान, भोग-राग, श्रृंगार और पूजापाठ का अधिकार उन्हें दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम न्यायिक तरीके से अपने भगवान विश्वेश्वर की पूजा का अधिकार मांगने आए हैं।
आज कोर्ट में इन मुद्दों पर हुई बहस
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया की प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट के सेक्शन 3 और 4 पर बहस हुई है। कल उसी पर आगे की कार्यवाही होगी। जिला जज ने सभी पक्षों के आवेदन के बारे में जानकारी ली। मुस्लिम पक्ष के सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 (मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता) के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र के बारे में भी सुना। कमीशन की रिपोर्ट के बारे में भी पता किया।