खतरे के निशाना को पार कर 1 सेमी की रफ्तार से बढ़ रही गंगा, कमिश्नरेट पुलिस के साथ NDRF रेस्क्यू में जुटी...
वाराणसी में बाढ़ ने तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की चिंता बढ़ा दी है. कॉलोनी और मोहल्लों में पानी भरने से जनता का पलायन शुरु हो गया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर 1 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है, हालांकि रफ्तार में कमी आई है. गंगा के खतरा की बिंदु 71.262 मीटर है जबकि वर्तमान समय में गंगा 71.50 मीटर पर बह रही है. खतरे के निशान को पार कर चुकी गंगा को लेकर तटवर्ती इलाकों पर रहने वाले लोगों की धुकधुकी बढ़ती जा रही है.
संकट में है तटवर्ती इलाकों की जनता
गंगा में बढ़ते जलस्तर से वरुणा में उलट प्रवाह जारी है. वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग ज्यादा संकट में है. अब तो काशीवासियों को 2013 और 1978 की बाढ़ की यादें सताने लगी हैं. लोगों को लग रहा कि अगर ऐसा हुआ तो गंभीर संकट पैदा हो जाएगा. गंगा में बढ़ाव से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले तो संकट में हैं ही, खास तौर पर वरुणा किनारे रहने वाले. अब तो गंगा और वरुणा किनारे की बस्तियों में भी पानी पहुंचने लगा है. यहां तक कि सामने घाट स्थित बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भी गंगा का जल प्रवेश कर चुका है.
बता दें कि बनारस में गंगा में बाढ़ का रिकार्ड 1978 का है तब गंगा का जलस्तर 73.901 मीटर तक पहुंचा था। ऐसे में अब लोग सशंकित हैं कि कहीं वो स्थिति न आ जाए. वैसे अभी ही गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाकों के मोहल्लों व कॉलोनियों के मकान बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. बाढ़ के चलते घाट किनारे मणिकर्णिका, अस्सी, सामनेघाट, दशाश्वमेध आदि इलाकों में मुहल्लों की गलियों में नाव चलने लगी है. बाढ़ के चलते नगवां और सामने घाट क्षेत्र के दर्जनों मुहल्लों में पानी प्रवेश कर गया है.
जल पुलिस के अलावा NDRF मुस्तैदी से तैनात
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने गंगा और वरुणा किनारे के थानेदारों को निर्देशित किया है कि बाढ़ के चलते राहत शिविरों में जाने वाले परिवारों के घरों पर पैनी निगाह रखें. उन्होंने मोटरबोट से पेट्रोलिंग तेज करने की हिदायत भी दी है. साथ ही यह भी कहा है कि ये सुनिश्चित करें कि बाढ़ से घिरे मकानों में कोई फंसा न हो. पुलिस कमिश्नर ने आमजनों से अपील की है कि जिसे भी हमारी मदद की दरकार हो वो समीप के थाने या 112 नंबर पर संपर्क कर सकता है. थानेदारों को हिदायत दी गई है कि वो अपने सीयूजी नंबर पर आने वाली प्रत्येक कॉल अटेंड करेंगे. तत्काल एनडीआरएफ टीम के साथ मदद की अपेक्षा रखने वाले तक पहुंचेंगे.
एनडीआरएफ के अफसर भी अलर्ट मोड में है. एनडीआरएफ ने संत रविदास घाट स्थित स्वामी नारायण नंद तीर्थ विद्यालय में फंसे 10 वेदपाठी छात्र और 2 अध्यापकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.