पुत्री से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित पिता दोषमुक्त, वर्ष 2018 का है यह पूरा मामला...

अपनी ही पुत्री से दुष्कर्म करने की कोशिश करने के मामले में पिता को कोर्ट से राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने पिता को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया.

पुत्री से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित पिता दोषमुक्त, वर्ष 2018 का है यह पूरा मामला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। अपनी ही पुत्री से दुष्कर्म करने की कोशिश करने के मामले में पिता को कोर्ट से राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने पिता को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन प्रस्तुत साक्ष्य से घटना को युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में असफल रहा कि 22 सितंबर 2018 को आरोपित द्वारा अवयस्क पीड़िता के साथ मारपीट, गाली गलौज, छेड़छाड़ करना व अवैध संबंध बनाने का प्रयास करना अथवा लैंगिक हमला का अपराध कारित किया गया. ऐसी दशा में अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया जाता है. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह, सुमित उपाध्याय व मयंक सिंह ने पक्ष रखा.

अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि वह अपने मां व बहन के साथ रहती है. उसके पिता अक्सर शराब पीकर घर आते है और उसकी मां व उसे और उसकी बहनों को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए हमेशा मारते-पीटते है. इस दौरान 22 सितंबर को भी उसके पिता रात्रि में शराब के नशे में धुत होकर घर आए और मां को उठाकर कहने लगे कि पीड़िता उसे पसंद है और मुझे उसके साथ अवैध संबंध बनाना है. इसके बाद जबरदस्ती करने लगे और उसके शरीर को छूने लगे. उसके व उसके मां के विरोध करने पर वह उन लोगों को गालियां देते हुए मारने पीटने लगे. इसके पूर्व भी कई बार उसके पिता ने उसके साथ गलत करने की कोशिश की है और आगे भी कभी उसके साथ गलत कर सकते है.इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 7 अक्टूबर 2018 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद उसके खिलाफ अदालत में 17 अगस्त 2021 को आरोप तय किया गया था. अदालत में विचारण के दौरान कुल दो गवाह पेश किए गए.