किसान चर्चा को तैयार नहीं : बोले कृषि मंत्री- कृषि कानून की कमियों को नहीं बता पा रहे बार्डर पर बैठे किसान, कर रहे गुमराह

किसान चर्चा को तैयार नहीं : बोले कृषि मंत्री- कृषि कानून की कमियों को नहीं बता पा रहे बार्डर पर बैठे किसान, कर रहे गुमराह

वाराणसी,भदैनी मिरर। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बुधवार को वराणासी आये। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि बनारस और चंदौली या आसपास के किसी अन्य जिले में कहीं कोई प्रदर्शन हो रहा है। प्रदेश के बॉर्डर पर कुछ लोग बैठ कर गलत तथ्य के आधार पर भ्रांतियां पैदा कर देश की जनता को गुमराह करना चाहते हैं। भारत सरकार ने 11 बार बातचीत का प्रयास किया और बार-बार यही पूछा कि क्या कमियां हैं, हम उन्हें दूर करने को तैयार हैं। मगर, वह कमियां नहीं बता पा रहे हैं। 

इसके साथ ही उन्होंने किसान आन्दोलन के मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि किसान सिर्फ यही जिद कर रहे हैं कि कानूनों को निरस्त कर दिया जाए। वह कोई चर्चा या बहस भी नहीं चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे लोग किसानों के हितैषी नहीं है। अगर वे लोग किसानों के हितैषी होते तो तर्कपूर्ण तरीके से सरकार को कृषि कानूनों की कमियों के बारे में बताते और उनमें सुधार किया जाता।

साथ ही साथ मंत्री ने प्रदेश की पिछली सरकारों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जितना कार्य पिछली सरकारों ने 10 साल में नहीं किया। उससे कहीं अधिक योगी सरकार ने 4 वर्षों में कर डाला। यही वजह है कि योगी सरकार अपने काम के दम पर जनता की चहेती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा परिवारवाद, जातिवाद और संप्रदायवाद से परे रह कर सबका साथ और सबका विकास की भावना से सिर्फ जनता की सेवा कर रही है। इसमें सबका विश्वास जो मोदी जी की कल्पना है वह स्वयं जुड़ रहा है। 

मंत्री ने कहा कि सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दोनों ही पार्टियां किसानों की हितैषी नहीं हैं। मायावती और अखिलेश यादव भाजपा को किसान विरोधी बताते हैं। उत्तर प्रदेश में धान खरीद के आंकड़े और उससे किसानों को हुआ फायदा यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि मायावती और अखिलेश यादव ने 10 साल के कार्यकाल में जितना काम नहीं किया, उससे ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 4 साल में किया है। अभी इस वर्ष की धान खरीद बाकी है।

कृषि मंत्री ने कहा कि बीएसपी की सरकार थी तो वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक 114 लाख 88 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी गई थी। धान की कीमत के तौर पर 5 वर्षों 10,850 करोड़ 13 लाख रुपए किसानों को दिए गए। इस खरीदारी का फायदा मात्र 4 लाख 1,845 किसानों को हुआ। यानी सिर्फ सीमित संख्या में किसानों को फायदा हुआ। बसपा के समय में धान खरीद में छोटे किसानों को बिल्कुल भी फायदा नहीं मिलता था।

उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2012 से 2017 के 5 साल के कार्यकाल में 123 लाख 61 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी। किसानों को 17,190 करोड़ 85 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इस खरीदारी का फायदा 14 लाख 87 हजार 519 किसानों को हुआ। वहीं, वर्ष 2017 से अब तक के 4 साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 214 लाख 56 हजार मीट्रिक धन धान की खरीद की। भाजपा सरकार ने किसानों को 37,825 करोड़ 66 लाख रुपए का भुगतान किया है। अभी 2021-22 की धान खरीद का काम बाकी है। भाजपा सरकार में उत्पादन के साथ ही राज्य की उत्पादकता भी बढ़ी है।

वहीं उन्होंने बताया की आने वाले समय में पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार कृषि कल्याण केंद्र की स्थापना करने जा रही है, जिसमें वाराणसी मंडल में कुल 15 कृषि कल्याण केंद्र प्रस्तावित है। इसमें जनपद वाराणसी में 5 केंद्र स्थापित किए जाएंगे जिससे किसानों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी। इसकी  स्थापना का मुख्य उद्देश्य एक छत के नीचे बीज, उर्वरक और उन्नत कृषि की टिप्स और प्रशिक्षण किसानों को मुहैया करवाना है।