माइक्रोटेक कॉलेज ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी के अधिशासी निदेशक ने अधिवक्ता पर लगाया फर्जी मुकदमें में फंसाने और धनउगाही का आरोप...
वाराणसी शहर के नामी गिरामी शिक्षण संस्थान माइक्रोटेक कॉलेज ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी में बतौर अधिशासी निदेशक डा० पंकज राजहंस ने बताया कि गत कई वर्षों से मेरी पूर्व पत्नी रजनी मिश्रा उर्फ रजनी राजहंस से वैवाहिक विवाद परिवार न्यायालय वाराणसी में वाद संख्या 388/2014 आदि चल रहा है।
वाराणसी। वाराणसी शहर के नामी गिरामी शिक्षण संस्थान माइक्रोटेक कॉलेज ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी में बतौर अधिशासी निदेशक डा० पंकज राजहंस ने बताया कि गत कई वर्षों से मेरी पूर्व पत्नी रजनी मिश्रा उर्फ रजनी राजहंस से वैवाहिक विवाद परिवार न्यायालय वाराणसी में वाद संख्या 388/2014 आदि चल रहा है। इस मुकदमे में मेरे विपक्षी अधिवक्ता बृजेश दीक्षित मुझसे 3 करोड़ रुपये, एक फ्लैट तथा एक फॉरचूनर गाड़ी की लगातार मांग कर रहा है और धमकी दे रहा कि उसकी मांग नहीं मानने पर फर्जी मुकदमों में फंसा दूंगा। वह जान से मारने की भी धमकी देता रहता है।
डा० पंकज राजहंस ने बताया कि वह कई वर्षों से किडनी (फेल्योर) बिमारी से ग्रसित हूं। मेरी किडनी ट्रान्सप्लान्ट सन् 2020 में हुआ है एवं वर्तमान में जीवन रक्षक दवाइयों पर अपना जीवन यापन कर रहा हूं। इसी बीमारी की आड़ में मुझे धमकाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मैं बीमारी के डर और घबराहट में उनकी मांग पूरी कर दूं। मेरे भाई नीरज राजहंस व मेरे पैरोकार मुकेश कुमार को भी जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि मेरे ऊपर अधिवक्ता बृजेश दीक्षित एवं पूर्व पत्नी रजनी राजहंस द्वारा फर्जी (बलात्कार) का केस धारा 376 तथा एक फर्जी मुकदमा धारा 307 के अन्तर्गत मेरे व मेरे छोटे भाई नीरज राजहंस के ऊपर दर्ज कराया गया था। जिसमें से एक मुकदमा धारा-376 कोर्ट द्वारा (स्पेशल जज पास्को) न्यायालय वाराणसी के द्वारा खारिज कर दिया गया है तथा धारा 307 का मुकदमा बड़ागांव पुलिस के विवेचक के विवेचना के दौरान फर्जी पाया गया। इस फर्जी मुकदमें में भी बड़ागांव पुलिस (F.R.) लगा चूकी है। अधिवक्ता बृजेश दीक्षित लगातार अपने अधिवक्ता होने का नाजायज फायदा उठाते हुए मेरे ऊपर सिगरा थाने में फर्जी लूट का मुकदमा गोपेश झा (जो रजनी मिश्रा उर्फ रजनी राजहंस का भतीजा है और अधिवक्ता बृजेश दीक्षित का बहुत करीबी है) सिगरा थाना वाराणसी में सन् 2022 में फर्जी लूट का मुकदमा लिखवाया गया था जिसे विवेचक द्वारा विवेचना के दौरान फर्जी पाया गया।
इतना ही नहीं साल सन् 2022 में अधिवक्ता बृजेश दीक्षित ने गोपेश झा द्वारा मुझे और मेरे परिवार को डराने के उद्देश्य से चुनाव के समय आचार संहिता का उलंघन करते हुए मेरे घर पर गोली चलवायी जो न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि जब भी मैं अपने ऊपर हो रहे जुल्म एवं प्रताड़ना के लिए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते है तो ये अपने अधिवक्ता होने का नाजायज फायदा उठाते हुए अपने सहयोगियों के साथ पुलिस थाने पहुंच कर मामले को रफा-दफा कराने की कोशिश करते हैं। अधिवक्ता बृजेश दीक्षित ने रजनी राजहंस व उसके अपराधी पुत्र मिहिर राजहंस तथा रिस्तेदारों के साथ मिलकर अपनी दबंगई दिखाते हुये मेरे केयरटेकर एवं पैरोकार मुकेश कुमार को डराने के उद्देश्य से उसके ऊपर हमला करवाया। उसे बुरी तरह मारपीट कर उसके एक छोटे रेस्टुरेन्ट को बन्द करवा दिया, जिसका मुकदमा बड़ागांव थाने में पंजीकृत कराया गया तथा यह मामला स्पेशल जज S/C, S/T के यहां विचाराधीन है। इसके अलावा उक्त अधिवक्ता मेरे पूर्व ससुराल पक्ष व उसके रिस्तेदारों के द्वारा मेरे छोटे भाई नीरज राजहंस एवं मेरी संस्था माइक्रोटेक कॉलेज ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी वाराणसी के विरुद्ध फर्जी RTI एवं फर्जी कम्पलेन करवाते रहते हैं। इनलोगों की मनसा मुझे प्रताड़ित करने व मेरी संस्था को नुकसान पहुंचाना है।
माइक्रोटेक कॉलेज के अधिशासी निदेशक पंकज राजहंस ने मंगलवार को मलदहिया स्थित अपने कॉलेज में पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विपक्षी अधिवक्ता रजनी राजहंस व उनके रिस्तेदारों के घनिष्ठ मित्र भी है। अधिवक्ता बृजेश दीक्षित ने मेरे पूर्व ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मिलकर मुझ पर कई फर्जी मुकदमों में भी फंसाने की कोशिश की है और ससुराल वालों को अपने घर में आश्रय दे रखा है। वह मुझे फंसाने के लिए रजनी राजहंस एवं उनके रिश्तेदारों के साथ मिल कर षणयंत्र रचता रहा है। आज भी दिनांक 2 जुलाई 2024 की सुबह जब मैंने अपने पैरोकार मुकेश कुमार को बृजेश दीक्षित के सिगरा शास्त्री नगर फ्लैट पर मिहिर और गोपेश झा का लोकेशन लेने भेजा तो अधिवक्ता बृजेश दीक्षित ने कॉलोनी के लोगों को भड़का कर उसके साथ मार पीट करवा दिया.
डा० पंकज राजहंस ने बताया कि पुराने मकान, प्लाट नं० 1 गणेश नगर कॉलोनी, गणेशपुर थाना बडागांव, वाराणसी को कब्जा करने की कोशिश की गई. इन्होंने पुलिस प्रशासन में सभी जगह झूठा प्रार्थना पत्र एवं F.I.R. कराने की कोशिश की जिसे ग्रामीण न्यायालय, पिण्डरा, जिला वाराणसी के द्वारा खारिज कर दिया गया। विपक्षिणी रजनी राजहंस एवं उनके अधिवक्ता बृजेश दीक्षित को अच्छी तरह मालूम है कि मैं जीवन रक्षक दवाइयों पर आश्रीत हूँ। फिर भी ये लोग मुझे मेरी बिमारी पर हमेशा कोर्ट परिसर या घर में कमेन्ट करके मुझे भड़काते रहते हैं। इसमें रजनी राजहंस के रिस्तेदार गोपेश झा, शिवानन्द झा, मिहिर राजहंस आदि शामिल हैं। जिन्हें बृजेश दीक्षित ने खुद अपने घर पर रखा हुआ है ताकि उनका समय-समय पर इस्तेमाल करके फर्जी मुकदमों के द्वारा मुझे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सके ताकि मेरी मृत्यु हो जाए जिसके डर से मेरे घर वाले इनकी हरकतों से तंग आकर अधिवक्ता बृजेश दीक्षित की मांग 3 करोड रूपये, एक फ्लैट एक फॉरचूनर गाड़ी अपनी जान बचाने के लिए दे दे। अधिवक्ता व पूर्व ससुराल परिवार न्यायालय के निर्णय होने तक का इन्तजार नहीं करना चाहता और इसीलिए वह अपने अधिवक्ता होने का नाजायज फायदा उठाते हुए मामले को न्यायालय के बाहर अपने दबंगई से सुलझाना चाहता है। मैंने बार काँसिल में भी अधिवक्ता बृजेश दीक्षित के विरुद्ध शिकायत कर चुका हूं। आपको बताते चलें कि मुझे समाज सेवा एवं शिक्षण जगत में मेरे महत्वपूर्ण योगदानों के लिए कई बार सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।