नशे की लत और वर्क प्रेसर बन रहा युवाओं में हार्ट अटैक की वजह, मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबटीज को कंट्रोल करना बेहद आवश्यक, जाने जटिल बीमारी टाकायासू के बारे में...
वर्ड हार्ट दिवस पर चिकित्सकों ने युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक की बीमारी पर चिंता जताई है. चिकित्सकों का मानना है की नशे की लत और वर्क प्रेसर इसका मुख्य वजह है. मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबटीज भी हृदय रोग के मुख्य कारणों में एक है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कोरोनरी धमनियां ही हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करती है, ऐसे में इनके ब्लॉक होने से हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ जाता है. यदि शुरुआती दौर में ही चिकित्सकीय सलाह ली जाए तो जान बचाया जा सकता है. उक्त बातें विश्व हृदय दिवस पर शिवपुर स्थित जमुना सेवा सदन अस्पताल के निदेशक डॉ अश्विनी टंडन ने कहीं. उन्होंने कहा की हार्ट अटैक का खतरा मधुमेह (डायबटीज) के मरीजों में अन्य मरीजों की अपेक्षा दोगुना बढ़ जाता है. उन मरीजों की चिंता ज्यादा होती है जिनके शुगर अनियंत्रित है. ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को 40 वर्ष की अवस्था पार करने के बाद रूटीन बॉडी चेकअप करवाना चाहिए ताकि छोटी छोटी समस्याएं जो जानलेवा बीमारी को आमंत्रित करती है उन्हे समय से इलाज कर रोका जा सके.
नशे का लत और वर्क प्रेशर है मुख्य वजह
युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक की समस्या पर डाक्टर अश्विनी कहते है की यह अवश्य चिंता का विषय है की आखिर युवा हार्ट अटैक की चपेट में क्यों आ रहे है? वह बताते है की अनियंत्रित भोजन, दिनचर्या और नशे की लत मुख्य वजह है. युवाओं में शराब के सेवन, स्मोकिंग का फैशन चल रहा है. नशे के लत के अलावा युवाओं के ऊपर बढ़ते वर्क प्रेशर भी मुख्य वजह है. युवाओं को ज्यादातर अचानक हार्ट अटैक की शिकायत हुई है. हार्ट अटैक डायबटीज (शूगर), रक्तचाप (बीपी), मोटापा, कैलोस्ट्रॉल के बढ़ने से भी होती है. डाक्टर अश्विनी कहते है की एक्सरसाइज के दौरान ख्यात हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आ गया. पूरी दुनिया शोक में रही. आज हर वर्ग का व्यक्ति मानसिक तनाव में है, इसके लिए जरूरी है वह खुद को खुश रखने के लिए संतुलित आहार के साथ टहले, हल्का व्यायाम जरूर करें.
टाकायासू एक गंभीर समस्या
डाक्टर अश्विनी कहते है की टाकायासु एक गंभीर बीमारी है. इसमें हार्ट की नसों में केलोस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है. हार्ट की नसों में सूजन बढ़ जाता है. जिससे हार्ट अटैक का खतरा हमेशा बना रहता है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को कभी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे ब्लड प्रेशर बढ़े या सांस फूले. ऐसे मरीजों को हमेशा अपने स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए. डाक्टर अश्विनी कहते है की भारत में हृदय रोगी तेजी से बढ़ रहे है, लेकिन चिंता का विषय है युवाओं में बढ़ती हृदय रोग समस्याएं. इसके लिए युवाओं को जागरूक होना होगा और 40 वर्ष की आयु पार कर चुके लोगों को अपना रूटीन बॉडी चेकअप शुरु करना होगा.