ज्ञानवापी मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में हुई सुनवाई: कथित शिवलिंग की जांच को लेकर वादिनी महिलाओं का मतभेद उजागर, 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई...
ज्ञानवापी प्रकरण में गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद में मिला कथित शिवलिंग कितना पुराना है, उसकी जांच कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से हो या न हो पर सुनवाई हुई।
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण में गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद में मिला कथित शिवलिंग कितना पुराना है, उसकी जांच कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से हो या न हो पर सुनवाई हुई। वादिनी चार महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में पक्ष रखा।
एडवोकेट विष्णु शंकर ने बताया कि कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य के मद्देनजर ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) द्वारा यह पता लगाया जाना बहुत जरूरी है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग कितना पुराना है। अदालत ने हमारी दलीलें सुनीं और अगली सुनवाई में इस पॉइंट पर आदेश आने की पूरी संभावना है। वहीं, एक अन्य वादिनी राखी सिंह के एडवोकेट मान बहादुर सिंह ने कहा कि जो शिवलिंग मिला है, उसकी कार्बन डेटिंग की जांच से वह खंडित हो जाएगा। हमारे सनातन हिंदू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है। इसलिए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कतई न कराई जाए।
उधर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के एडवोकेट रईस अहमद और मुमताज अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या अन्य वैज्ञानिक पद्धति से जांच के विरोध में जवाब दाखिल किया गया है। कहा कि जिसे कथित शिवलिंग बताया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही सुरक्षित है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि 7 अक्टूबर नियत की है।
इनकी नहीं हो सकी सुनवाई
वहीं आज मां श्रृंगार गौरी केस में पक्षकार बनने वालों की एप्लिकेशन या किसी अन्य बिंदु पर सुनवाई नहीं हो सकी। उधर, कोर्ट के बाहर सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने राखी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अब हिंदू ही हिंदू विरोधी हो गए हैं। कोई बात नहीं है, जीत हमारी ही होगी।