टीएमसी नेता राजेशपति त्रिपाठी के बदले सुर, कहा- हम कांग्रेस से कभी अलग नहीं हुए, लोगों से की ये अपील...
पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र पूर्व एमएलसी व टीएमसी नेता राजेश पति त्रिपाठी ने वाराणसी में एक प्रेस कॅाफ्रेंस की.
वाराणसी, भदैनी मिरर। पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र पूर्व एमएलसी व टीएमसी नेता राजेश पति त्रिपाठी ने वाराणसी में एक प्रेस कॅाफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ना हमारी भूल थी, हालांकि हम कांग्रेस से कभी अलग नहीं हुए, गांधी परिवार से राजनीति ही नहीं पारिवारिक रिश्ता है. आज भी हमारी नेता सोनिया व राहुल गांधी हैं.
व्यक्तिगत कारणों से हम कांग्रेस से अलग होकर...
उन्होंने आगे कहा कि, छोटी-छोटी कुछ बातें व व्यक्तिगत कारणों से हम कांग्रेस से अलग होकर एक समान विचारधारा से जुड़ी पार्टी का हिस्सा बन गए. ममता बनर्जी ने बहुत सम्मान दिया लेकिन कांग्रेस हमारे मूल में हैं. हम कमलापति त्रिपाठी के वंश के वारिस हैं, उस नाते हम उनकी राजनीतिक विचारधारा के विरुद्ध राजनीति नहीं कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह भी नहीं कि हम कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन यह भी तय है कि हम कांग्रेस से अलग नहीं हैं.
सोमेशपति त्रिपाठी के बीजेपी में शामिल होने पर कहा...
वहीं सोमेशपति त्रिपाठी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ये मामला घर का है. आज भी समझाएंगे, कल भी समझाएंगे. उम्मीद है वह घर लौट आएंगे. हम सब पंडित कमलापति त्रिपाठी की वैचारिक विरासत के विरुद्ध राजनीति की नहीं सोच सकते हैं. राजेशपति त्रिपाठी ने बताया कि निजी वजहों से मैं और विधायक रहे मेरे पुत्र ललितेशपति तीन वर्ष पूर्व कांग्रेस से अलग हुये थे, पर हम दादा व पिता की वैचारिक विरासत से दूर नहीं हो सकते थे। हमको बड़े प्रलोभन व दबाव भाजपा में शामिल होने के आये, पर हम पूर्वजों के संस्कार से धोखा तो नहीं कर सकते थे. अतः 1980 से पं.कमलापति त्रिपाठी से अनन्य भाव से जुड़ी रही ममता बनर्जी के आग्रह पर हम उनसे जुड़े पर शांत घर बैठे रहे.
सोनिया गांधी व राहुल गांधी का आशीर्वाद भी जुड़ा
उन्होंने आगे कहा, विगत विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने मड़िहान सीट ललितेशपति के पक्ष में तृणमूल कांग्रेस को छोड़ी पर हम चुनाव से भी पृथक रहे. पं.कमलापति त्रिपाठी के विचारों की विरासत के तकाजों पर जब 'इंडिया' गठबंधन बना, ममता बनर्जी व अखिलेश यादव ने ललितेशपति को भदोही से चुनाव लड़ने को कहा और उसके साथ सोनिया गांधी व राहुल गांधी का आशीर्वाद भी जुड़ा, तब चुनाव में ललितेशपति भदोही से उतरे हैं.
पं.कमलापति त्रिपाठी धर्म की राजनीति को पाप मानते थे
राजेशपति त्रिपाठी ने कहा, पं.कमलापति त्रिपाठी धर्मनिष्ठ थे, पर धर्म की राजनीति को पाप मानते थे. देश की राजनीति में आज जो खतरे महसूस किये जा रहे, उसे दक्षिणपंथी फासिस्ट एवं सांप्रदायिक राजनीति का उभरता गंभीर खतरा बता कर कमलापति त्रिपाठी ने 1988 में ही आगाह किया था. उन्होंने 22 सितंबर, 1988 को उस उभरते खतरे के खिलाफ पत्र व बयान द्वारा लोकतंत्र एवं समाजवादी विचारों में विश्वास वाली लोकतांत्रिक एवं वामपंथी ताकतों का एकजुट होने के लिये आह्वान किया था.
लोगों से की ये अपील
उन्होंने कहा, अतः 'इंडिया' गठबंधन की 2024 के चुनाव में सफलता कमलापति त्रिपाठी की वैचारिक विरासत से जुड़ा हमारा युगधर्म है. संस्कारों के नाते हम उस धर्म के साथ हैं और लोगों से देश एवं लोकतंत्र के हित में भाजपा सरकार को हटाने के लिये 'इंडिया' गठबंधन दलों को सफल बनाने की अपील करते हैं.