अंध विद्यालय वापस करो: दृष्टिबाधित छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना, राहगीर परेशान, छात्रों का कहना नहीं समझ रहा कोई समस्या...

अंध विद्यालय वापस करो: दृष्टिबाधित छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना, राहगीर परेशान, छात्रों का कहना नहीं समझ रहा कोई समस्या...


वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले एक महीने से हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय द्वारा बन्द कक्षा नौ से बारहवीं तक की कक्षाओं को पुनः शुरु करवाने की मांग को लेकर धरनारत दृष्टिबाधित (दिव्यांग) छात्रों का आंदोलन अब सड़क पर आ गया हैं। छात्रों के मुताबिक गुरुवार को भेलूपुर पुलिस द्वारा एक छात्र को जीप में बैठाने के बाद छात्रों का प्रदर्शन अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील हो गया। जिसके बाद दृष्टिबाधित छात्र सड़क पर ही बैठ गए। सड़क पर बैठने के कारण गुरुधाम-बीएचयू मार्ग बाधित हो गया है। जिससे राहगीरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 24 घण्टे से ज्यादा समय से बैठे छात्र लगातार राज्य-केंद्र सरकार के साथ-साथ ट्रस्टी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। 


हमारी समस्या समझने वाला कोई नहीं


छात्र संतोष कुमार त्रिपाठी का कहना है की हम पिछले एक महीने से धरनारत है। हमारी समस्या समझने वाला कोई नहीं है, हमनें हर विभाग को अपनी बात भेजी है। पहले हमें हॉस्टल से निकाला और फिर कक्षा नौ से बारह तक की कक्षाओं को बंद कर दिया। आरोप लगाया की शहर के मशहूर व्यापारी ट्रस्टी इस विद्यालय को अपना गोडाउन बनवाना चाहते है। हमारी मांग है की हमारा विद्यालय हमें वापस करो।


पूर्वांचल का सबसे बड़ा अंध विद्यालय


उत्तर प्रदेश में तकरीबन 18 लाख दृष्टि बाधित जनसंख्या है जबकि उसकी अपेक्षा उनके स्कूलों की संख्या काफी कम है। छात्रों का आरोप है कि प्रदेश में अन्धविद्यालय और ज्यादा बढ़ने चाहिए थे, लेकिन पूंजीपतियों की भूख इतनी बढ़ गई है कि उनकी भूख शांत करने के लिए दिव्यांगों के स्कूल बंद किए जा रहे हैं और सरकारें मूक दर्शक बनकर तमाशा देख रही हैं। हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय है जो श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है। इसके सर्वेसर्वा बनारस के प्रसिद्ध पूंजीपति हैं। यह विद्यालय 1972 में बन कर कर तैयार हुआ और 1984 में दसवीं और 1992 में बारहवीं की सरकारी मान्यता भी प्राप्त हुई। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा अंध विद्यालय है, यहां 250 विद्यार्थियों के पठन पाठन की आवासीय व्यवस्था है। केवल उत्तरप्रदेश ही नही बल्कि बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, असम आदि राज्यों से भी दृष्टिहीन छात्र यहां पढ़ने आतें हैं।

 
छात्रों की यह है मांगे


1- अंध विद्यालय को सरकार पूर्णतया अपने अधिकार क्षेत्र में ले और हमें हमारा अधिकार भीख या सेवा के बजाय अधिकार बोध के साथ प्रदान किया जाए।

2- विद्यालय से निकाले गए छात्रों को वापस दाखिल किया जाए और उनकी कक्षाओं और परीक्षाओं का उचित प्रबंध किया जाए।

3- तत्काल प्रभाव से विद्यालय को पुनः संचालित किया जाए।