विश्व सीओपीडी दिवस पर ब्रेथ ईजी अस्पताल ने निकाली जागरूकता रैली, 1200 लोगों में 500 से अधिक लोग मिले श्वांस व एलर्जी रोग से ग्रसित

विश्व सी.ओ.पी.डी दिवस के अवसर पर बुधवार को ब्रेथ ईजी चेस्ट अस्सी वाराणसी द्वारा जन जागरूकता रैली निकाली गई I

विश्व सीओपीडी दिवस पर ब्रेथ ईजी अस्पताल ने निकाली जागरूकता रैली, 1200 लोगों में 500 से अधिक लोग मिले श्वांस व एलर्जी रोग से ग्रसित

वाराणसी,भदैनी मिरर। विश्व सी.ओ.पी.डी दिवस के अवसर पर बुधवार को ब्रेथ ईजी चेस्ट अस्सी वाराणसी द्वारा जन जागरूकता रैली निकाली गई I रैली की शुरुआत डॉ एस. के पाठक (वरिष्ठ टी.बी, श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) व सुनीता पाठक (निदेशिका, ब्रेथ ईज़ी) ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया। रैली अस्सी स्थित ब्रेथ ईजी अस्पताल से शुरू होकर लंका, दुर्गाकुंड सोनारपुरा मार्ग से होते हुए अस्सी घाट पहुंचकर समाप्त हुई I इस रैली में शहर के 150 से भी ज्यादा युवा, सम्मानित नागरिक व ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I 

रैली के बाद डॉ. एस.के पाठक के नेतृत्व में एक पेशेंट एजुकेशन प्रोग्राम व चिकित्सा शिविर का आयोजन अस्सी स्थित सुबह बनारस मंच पे किया गया। इस दौरान डॉ एस के पाठक ने मरीजों को समझाते हुए क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) होने पर सांस लेने में मुश्किल आने लगती है। लेकिन यह समस्या कई सालों में धीरे-धीरे विकसित होती है और इसमें मरीज इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि यह बीमारी उन्हे कब से है। सीओपीडी से ग्रसित अधिकांश लोग इस समस्या के आम लक्षणों को तब तक जान नहीं पाते हैं, जब तक कि वो 40 से 50 की आयु तक नहीं पहुंचते।

डॉ पाठक ने बताया कि इस बीमारी में ब्रोन्कीअल ट्यूब में सूजन आने के कारण फेफड़ों में बलगम की समस्या शुरू हो जाती है, मरीज को हमेशा खांसी रहती है व सांस लेने में परेशानी होती है या सांस छोटी आती है। इसके लक्षण अस्थमा से मिलने के कारण कई बार लोग सीओपीडी को अस्थमा समझ बैठते हैं। लेकिन आपको बता दें सीओपीडी अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर परेशानी है। समय से इसकी पहचान कर इलाज न मिलने से ये अपने पैर पसारती जाती है और धीरे—धीरे अन्य अंगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। कई बार ये व्यक्ति के जीवन को भी खतरे में डाल सकती है। 

इसके साथ ही मोबाइल कैंप के माध्यम से शहर के प्रमुख चौराहों जनता के फेफड़ो की जाँच कंप्यूटर मशीन द्वारा की गयी I इनमे कुल 1200 से भी अधिक लोगो के फेफड़ो की क्षमता मापी गयी, जिसमे 500 से भी अधिक लोग श्वांस व एलर्जी रोग से ग्रसित पाए गए I इन मरीजों को ब्रेथ ईजी में नि:शुल्क परामर्श के लिए बुलाया गया I