अपहरण-रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा...
जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एमपी-एमएलए शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल को चार साल पहले अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, गालियां व धमकी देने के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एमपी-एमएलए शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल को चार साल पहले अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, गालियां व धमकी देने के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अपहरण व रंगदारी में दोषी करार दिया था. साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए छह मार्च की तिथि नियत की गई थी.
अभियोजन के मुताबिक मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 गई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके साथी विक्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने साथी विक्रम सिंह के साथ दो व्यक्ति पचहटिया स्थित साइड पर पहुंचे. वहां फॉर्च्यूनर गाड़ी में वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास मोहल्ला कालीकुत्ती में ले गए, वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी की फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव डालने लगे. वादी के इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगा. किसी प्रकार उनके चंगुल से निकलकर वादी लाइन बाजार थाने पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया. पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार करके कोर्ट में दूसरे दिन पेश किया. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. यहां की अदालत से जमानत निरस्त हुई. बाद में उच्च न्यायालय से जमानत मिली. धनंजय ने उस समय जेल जाते समय आरोप लगाया था कि राज्यमंत्री और पुलिस अधीक्षक ने षड्यंत्र कर उन्हें फंसाया है. पत्रावली सुनवाई के लिए एमपी एमएलए कोर्ट भेजी गई. वहां सुनवाई चल रही थी. इसी बीच हाईकोर्ट एमपी एमएलए से जुड़ी सभी पत्रावली संबंधित जिला अदालत में भेजने का आदेश दिया.