समय के साथ बदला पत्रकारिता का स्वरूप, इसका भविष्य चुनौतियों से भरा हुआ है-  अरविंद मिश्रा हर्ष

डीएवी पीजी कॉलेज में कैरियर ओरिएंटेड कोर्स के रूप में संचालित प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता द्वारा गुरुवार को नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए ओरिएन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया

समय के साथ बदला पत्रकारिता का स्वरूप, इसका भविष्य चुनौतियों से भरा हुआ है-  अरविंद मिश्रा हर्ष

वाराणसी, भदैनी मिरर। डीएवी पीजी कॉलेज में कैरियर ओरिएंटेड कोर्स के रूप में संचालित प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता द्वारा गुरुवार को नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए ओरिएन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्र 'हर्ष' ने पत्रकारिता : कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सागर की लहरों की भांति है, इसका भविष्य चुनौतियों से भरा हुआ तो है लेकिन असीम संभावनाओं के साथ.

उन्होंने आगे कहा, समय के साथ पत्रकारिता के स्वरूप में भी काफी बदलाव आया है, जिसमे पत्रकार को हर विधाओं से अवगत होना बेहद आवश्यक हो गया है. अब पत्रकार स्वयं को क्षेत्र विशेष तक सीमित नही रख सकते, उन्हें डिजिटली सशक्त होना होगा. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में कल्पनाशीलता का बहुत महत्व है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने समाचारों के प्रकाशन से पूर्व तथ्यों की सत्यता को कई स्तर पर जाँचने की महत्ता पर जोर दिया. 

उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकारिता का क्षेत्र सिर्फ मीडिया तक सीमित नही है, इसमें विज्ञापन, जनसम्पर्क, अकादमिक जैसे क्षेत्रों में भी कैरियर बना सकते है.
विशिष्ट वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ यूहीं नही कहा जाता है, इसकी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां है. समाज के हर वर्ग की आज यदि किसी से सबसे अधिक अपेक्षा है तो वह मीडिया ही है। 

अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल जी ने कहा कि पत्रकारिता सूचना और ज्ञान को प्रसारित करने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है, यह लोगों को जागरूक और जिम्मेदार बनाती है. पत्रकारिता में अनुभव काफी मायने रखता है. सम्पूर्ण मानवीय समाज मे जागरूकता लाने के लिए पत्रकारिता की भूमिका काफी अहम हो जाती है। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से पत्रकारिता में व्यापक बदलाव आने वाला है। विशिष्ट अतिथि युवा पत्रकार विकास यादव ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया.

कार्यक्रम का संयोजन पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो. पूनम सिंह ने किया. स्वागत डॉ. नीलम सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मधु सिसोदिया ने दिया. इस अवसर पर उपाचार्य प्रो. मिश्रीलाल, प्रो. संगीता जैन, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा, प्रताप बहादुर सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे.