नीलगिरी इंफ्रासिटी के दंपत्ति मालिकों पर 7 और मुकदमें, 2 दिन में 22 मुकदमें: नोटबन्दी के बाद लाइफस्टाइल में हुआ था बदलाव, होगी गैंगेस्टर की कार्रवाई

नीलगिरी इंफ्रासिटी के दंपत्ति मालिकों पर 7 और मुकदमें, 2 दिन में 22 मुकदमें: नोटबन्दी के बाद लाइफस्टाइल में हुआ था बदलाव, होगी गैंगेस्टर की कार्रवाई

वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन, गोल्ड में निवेश के साथ ही टूर पैकेज के नाम पर वाराणसी ही नहीं आसपास के जनपदों और राज्यों में लुभावने ऑफर देकर जनता को ठगने वाले सीएमडी विकास, उसकी पत्नी एमडी ऋतु सिंह और उनके 5 अन्य सहयोगियों पर मंगलवार को धोखाधड़ी एवं अन्य आरोपों में चेतगंज पुलिस ने सात और मुकदमें लिख दिए। नीलगिरी के बारे में खबरें प्रकाशित होने के बाद कंपनी से पीड़ित लोग पुलिस की शरण में जा रहे है। इस तरह 2 दिन में कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ 22 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे पहले भी वाराणसी और चंदौली के अलग-अलग थानों में इस कंपनी के संचालकों के खिलाफ 12 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। विकास, ऋतु और कंपनी का मैनेजर प्रदीप यादव फिलहाल जिला जेल में बंद हैं।

कंपनी के ऑफर सुन उड़ जाएंगे होश!

जेल जाने से पहले चेतगंज थाने में ली गई फोटो, नीलगिरी इंफ्रासिटी का सीएमडी विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप यादव

झारखंड के गिरीडीह जिले के घुटवाली डूंगरी निवासी पप्पू कुमार महतो ने बताया कि उन्होंने नीलगिरी इंफ्रॉसिटी के गोल्डन स्काई टूर एंड ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड में 52,500 रुपए का निवेश किया था। उनसे विकास और ऋतु ने कहा था कि उन्हें अगले 60 हफ्ते तक प्रति हफ्ते 1000 रुपए मिलेंगे। कुछ हफ्ते तक जीएसटी काट कर उन्हें 900-900 रुपए मिले। इसके बाद उन्हें विकास और ऋतु ने पैसा देना बंद कर दिया। पैसा मिलना बंद होने पर वह मलदहिया के इंडियन प्रेस कॉलोनी स्थित कंपनी के कार्यालय आए तो विकास ने कहा कि अब एक चवन्नी नहीं देंगे। जो करना होगा कर लेना।
इस पर वह खुद को ठगा सा महसूस किए और चेतगंज थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराए। पप्पू कुमार ने बताया कि ऐसे ही कम दाम में प्लॉट और गोल्ड में निवेश करा कर बढ़िया मुनाफा कमाने का झांसा सिंह दंपति और उनके लोग आमजन को देते थे। जिसने भी निवेश किया है उसका पैसा तो डूब ही गया और सिंह दंपति ने जमकर बेइज्जत भी किया। दोनों के जेल जाने से उम्मीद जगी है कि अलग-अलग राज्यों के सैकड़ों लोगों को न्याय मिलेगा।

राजनैतिक गलियारों तक पहुंच की दिखाते थे धौंस

निलगिरी इंफ्रासिटी के मालिकों ने नोटबन्दी के बाद कई व्यापार शुरू कर दिए। उसके जानने वाले यह बताते है कि नोटबन्दी का उसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और दोनों के लाइफस्टाइल में गजब का उछाल आया। दोनों लक्जरी गाड़ी से चलने लगे और आलीशान बंगला बनवाया।नोटबन्दी के बाद ही सोना और टूर पैकेज का काम भी शुरु कर दिया, इतना ही नहीं विकास ने कैंटोमेंट में एक रेटोरेंट भी शुरु किया लेकिन व्यापार में घाटा होने से उसे बन्द कर दिया। नोटबन्दी के दौरान ही उसके ताल्लुकात भी सोसाइटी के बड़े तबके के लोगों के साथ हो गए थे। इसी बीच दोनों वाराणसी से लखनऊ तक पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और राजनीतिक गलियारों तक भी अपनी पैठ बना लिए थे। इसीलिए पैसा निवेश करने वाले जब अपने साथ धोखाधड़ी की बात कहते थे तो विकास उन्हें दो टूक जवाब देता था कि हमारी लखनऊ तक पहुंच है। जो बिगाड़ना होगा बिगाड़ कर दिखाना।
हालांकि समय का चक्र बदला और आलीशान जिंदगी जीने वाला विकास और उसकी पत्नी अब वाराणसी की जिला जेल की सलाखों के पीछे है। पुलिस धोखाधड़ी के इस बड़े खेल में विकास और ऋतु के 5 अन्य करीबियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।

एक-एक जालसाजों को किया जाएगा चिन्हित

एडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम/हेडक्वार्टर) सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी जालसाजों का एक बड़ा गिरोह है। मुख्य कर्ताधर्ता सहित 3 लोग जेल भेज दिए गए हैं। अन्य नामजद को जल्द गिरफ्तार करने के लिए चेतगंज थाने की पुलिस को कहा गया है। चेतगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक और एसीपी चेतगंज को यह भी कहा गया है कि इस गिरोह के नेटवर्क में शामिल होकर आमजन के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक-एक जालसाज को चिह्नित कर कार्रवाई करें। इस गिरोह के सरगना सहित सभी के खिलाफ बेहद ही जल्द गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।