STF ने किया 3 को गिरफ्तार:  UP-SI भर्ती परीक्षा में किया था धांधली का प्रयास, रियल एस्टेट कम्पनी में किया है करोड़ों रुपए निवेश...

STF arrested 3. There was an attempt to cheat in the UP-SI recruitment exam. Have invested crores of rupees in real estate company. उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने वाले तीन इनामी बदमाशों को स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया है. यूपीएसआई परीक्षा में पकड़े गए आरोपी तकनीक के माध्यम से धांधली करवाते थे. कमाई के करोड़ों रुपए को इन आरोपियों ने रियल स्टेट कंपनी में निवेश किया है.

STF ने किया 3 को गिरफ्तार:  UP-SI भर्ती परीक्षा में किया था धांधली का प्रयास, रियल एस्टेट कम्पनी में किया है करोड़ों रुपए निवेश...
STF वाराणसी यूनिट द्वारा गिरफ्तार UP-SI परीक्षा में धांधली करने वाले 3 आरोपी।

वाराणसी,भदैनी मिरर। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की वाराणसी यूनिट ने उत्तर प्रदेश उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के बाल में विग और कानों में अतिसूक्ष्म माइक्रोफोन के जरिए धोखाधड़ी करवाने वाले इनाम घोषित 3 बदमाशों को चितईपुर जीटी रोड नुऑंव अण्डर पास से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार धर्मराज यादव निवासी चदेरू चौकठा, थाना जिगना, जनपद मीरजापुर और  पुष्पराज सिंह निवासी सेमरा कलबना थाना घूरपुर जनपद प्रयागराज पर 15 हजार जबकि प्रभाकर पटेल निवासी मुरादपुर खिदिरपुर ईस्माइलगंज थाना सोरांव पर 10 हजार का इनाम घोषित था। एसटीएफ ने इनके पास से 1 इनोवा, स्कार्पियो के आलावा 5 मोबाइल और उप निरीक्षक परीक्षा से संबंधित 12 प्रवेश पत्र बरामद किए है।

बता दें पूरे प्रदेश में पिछले वर्ष 17 नवंबर से 23 नवंबर तक ऑनलाइन यूपी-एसआई की भर्ती परीक्षा हुई है। जिसमें जांच के दौरान चितईपुर पुलिस ने 2 और ग्रामीण रोहनियां पुलिस ने 1 अभ्यर्थी को बिग और माइक्रोफोन के साथ गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने गिरफ्तार पुष्पराज व धर्मराज को थाना चितईपुर और प्रभाकर को थाना रोहनिया पर दाखिल कराया है। 

STF को GM रेलवे के ग्रुप सी कर्मचारी अमित यादव की तलाश

 सॉल्वर गैंग द्वारा नकल कराने की घटना सामने आने पर एसटीएफ वाराणसी यूनिट के इंस्पेक्टर पुनीत परिहार के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू हुई तो नए गिरोह का पता लगा जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती करवाने के लिए अवैध धन वसूली कर रहे है। मुखबिर से जानकारी मिलने पर गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह काफी समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती के अवैध धंधे से जुड़े हुये हैं। इनका एक संगठित गिरोह है। इस गैंग में अमित यादव भी शामिल है, जो GM रेलवे आफिस प्रयागराज में ग्रुप सी में सिग्नल विभाग में नौकरी करता है। अमित यादव के नैनी स्थित घर में ही गिरफ्तार धर्मराज यादव रहता है। अमित यादव की पत्नी भी राजकीय मुद्रालय प्रयागराज में नौकरी करती है। एसटीएफ द्वारा बरामद इनोवा गाड़ी अमित यादव की पत्नी के ही नाम से है। इसके अलावा ग्राम जोपा, थाना विध्यांचल, मिर्जापुर निवासी अनिल यादव भी इस गैंग का हिस्सा है। यह भी अमित यादव के साथ रेलवे के उसी विभाग में नौकरी करता है।

GM ऑफिस से हुई दोस्ती और फिर बना लिया गिरोह

पूछताछ में धर्मराज यादव ने बताया कि अमित से उसका परिचय उसके पिता के माध्यम से हुआ था। वो रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वर्ष 2016 में पुष्पराज सिंह के भाई मुल्कराज की रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी लगी। मुल्कराज के शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अंकित नाम में त्रुटि थी, जिसके कारण वेतन नही मिल रहा था। वेतन के लिए पुष्पराज रेलवे जीएम आफिस गया था, जहॉं उसकी मुलाकात अनिल यादव से हुई।  अनिल यादव ने पुष्पराज का सहयोग किया था, जिसके कारण दोनों में घनिष्ठता हो गयी। पुष्पराज व प्रभाकर पटेल मुरादपुर खिदिरपुर इस्माइलगंज थाना सोरांव प्रयागराज पहले से ही मित्र थे। अनिल यादव की प्रभाकर से मुलाकात पुष्पराज ने करायी। इसके बाद से इन लोगों ने मिलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर मोटी रकम लेकर परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का काम करने लगे। पुष्पराज व प्रभाकर इच्छुक अभ्यर्थियों को लाते थे और अनिल यादव एवं अमित यादव द्वारा परीक्षा में उत्तीर्ण कराने की जिम्मेदारी ली जाती थी, जिसके लिये इन लोगों द्वारा मोटी रकम वसूली जाती थी। जिससे यह लोग करोड़ो रूपये कमाये। 

15-15 लाख में हुई थी UP-SI के लिए डील

पूछताछ में गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने बताया कि पुलिस में उप निरीक्षक पद के लिये ऑनलाइन होने वाली परीक्षा में अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रूपये में डील हुई थी। धर्मराज यादव ने परीक्षा के धांधली करवाने के लिए   विग लेकर इलाहाबाद से रोडवेज आया था। अनिल यादव पुष्पराज की स्कार्पियो गाडी से कैंट स्थित उस होटल गया जहाँ धर्मराज रुका था। यहीं 3 अभ्यर्थियों को धर्मराज यादव ने विग लगाया था। 23 फरवरी को फिर प्रभाकर और पुष्पराज डिवाइस लगी विग लेकर वाराणसी आये। अभ्यर्थी अमन पटेल व वशिष्ठ वर्मा को लक्ष्मी लॉज में जाकर डिवाईस युक्त विग लगाये थे, लेकिन पुलिस की सर्तकता से दोनों अभ्यर्थी भी परीक्षा केन्द्र पर प्रवेश के दौरान पुलिस द्वारा पकड़ लिए गए। पूछतांछ के दौरान बताया कि डिवाईस युक्त विग अनिल यादव एवं अमित यादव द्वारा उपलब्ध कराया जाता था। अभ्यर्थी द्वारा दो मोबाइल सिम मंगाया जाता था। एक मोबाइल सिम विग डिवाईस में लगाया जाता था तथा दूसरा सिम परीक्षा केन्द्र से दूर मौजूद सॉल्वर के पास मौजूद मोबाइल फोन में लगाया जाता था। डिवाइस युक्त विग के साथ सूक्ष्म माइक्रोफोन अभ्यर्थी के कान के अन्दर लगा दिया जाता था। इसके बाद अनिल यादव व अमित यादव द्वारा सॉल्वर को ऑनलाइन प्रश्न उपलब्ध करा दिया जाता था। साल्वर द्वारा अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराये गये सिमयुक्त मोबाइल फोन को एक साथ अपने पास रख लिया जाता था और परीक्षा प्रारम्भ होने पर ऑनलाइन उपलब्ध प्रश्नों का उत्तर एक साथ बोलता था, जिसे अभ्यर्थी अपने कॉन में लगे माइक्रोफोन की मदद से सुनकर सही उत्तर अंकित कर देते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अमित यादव व अनिल यादव डिवाइसयुक्त विग की कीमत लगभग 1 लाख रूपये बताते थे। 

रियल इस्टेट में निवेश किए पैसे

गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने बताया कि कमाये गये अवैध धन को रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया जाता था। इसके लिये प्रभाकर ने भैरवा इन्फ्रावर्ल्ड प्रा0लि0 नाम की कम्पनी बनायी है और पुष्पराज द्वारा अश्वनी इन्फ्रा एण्ड टेक्चर प्रा0लि0 नाम की कम्पनी बनायी गयी है। रियल स्टेट में अनिल यादव एवं अमित यादव का भी पैसा लगा है।