सावन माह से गंगा में दौड़ने लगेगी वाटर टैक्सी, अफसरों ने निरीक्षण संग टेस्ट ट्रायल किया पूरा...
मंडलायुक्त ने कुछ कमियों को दूर करने के निर्देश दिए है, जिसे दस दिन के भीतर ठीक कर लिया जाएगा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी के गंगा में सावन महीने में वाटर टैक्सी दौड़ने लगेगी. इसको मूर्त रुप देने के लिए मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, नगर आयुक्त शिपु गिरी व अन्य अफसरों ने बुधवार को नमो घाट पर निरीक्षण कर वाटर टैक्सी का टेस्ट ट्रायल भी किया. मंडलायुक्त ने कुछ कमियों को दूर करने के निर्देश दिए है, जिसे दस दिन के भीतर ठीक कर लिया जाएगा.
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया की वाराणसी को 10 नाव प्राप्त हुई है, उसी को पैसेंजर वोट में कनवर्ट करके अस्सी और राजघाट से मंदिर तक कैसे वाटर टैक्सी चला सकते है उसी को लेकर विचार-विमर्श किया गया है. सावन महीने में ही योजना शुरु होगी, जो निश्चित अंतराल पर दोनों घाटों पर उपलब्ध रहे, उससे उम्मीद है की 'गंग द्वार' से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी.
मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया की आज वाटर टैक्सी का टेस्ट ट्रायल किया गया है, इसमें संशोधन की जरूरत है. आने वाले हफ्ते दस दिन के भीतर संशोधन करवा लिया जाएगा. उन्होंने बताया की कम से कम खर्च में इसे चलवाया जायेगा, ताकि आम जनता इससे मंदिर में पहुंचे, जिससे सड़क पर भीड़ भी कम होगी.
मंडलायुक्त ने बताया की तीन प्रकार की वाटर टैक्सी है जिसमें पहली आम लोगों के लिए, दूसरी एंबुलेंस और तीसरी शव दाह के लिए. मंडलायुक्त ने बताया की एक वाटर टैक्सी एंबुलेंस, एक शवदाह और आठ वाटर टैक्सी को पैसेंजर्स के इस्तेमाल के लिए लेने का प्लान है, लेकिन इसका सही निर्धारण इंजीनियर्स के आने और मोडीफाई होने के बाद किया जाएगा. उन्होंने बताया की पहले से शवदाह और एंबुलेंस के लिए वाटर टैक्सी है, जितना जल पुलिस और एनडीआरएफ की डिमांड होगी उतना ही दिया जाएगा.
उन्होंने बताया की प्रत्येक वाटर टैक्सी में 50 से 80 पैसेंजर्स बैठ सकते है लेकिन 40 लोगों का अनुमान लेकर हम चल रहे है. वाटर टैक्सी के चार चार्जिंग प्वाइंट होंगे. जिसमें राजघाट, ललिता घाट, दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट है. यदि भविष्य में स्थानीय नाविक इससे जुड़ते है और वाटर टैक्सी बढ़ती है तो अन्य घाटों पर भी जेटी लगाकर इसे शुरु किया जाएगा.