विहिसे अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर भरी हुंकार, कार्यकर्ताओं से की श्रृंगार गौरी दर्शन की अपील, तीन थाने की पुलिस को है तलाश

विहिसे अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर भरी हुंकार, कार्यकर्ताओं से की श्रृंगार गौरी दर्शन की अपील, तीन थाने की पुलिस को है तलाश

वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले 3 मुक़दमों में वांछित विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर हुंकार भरी है। गुरुवार को अरुण पाठक ने अपनी फेसबुक वॉल पर विश्व हिंदू सेना के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और हिंदू जनमानस सावन के अंतिम सोमवार यानी 16 अगस्त को 11 बजे अस्सी घाट से जल लेकर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक और श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए प्रस्थान करने की बात लिखी है। 

इससे पहले भी अरुण पाठक ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबंध में विवादित टिप्पणी की थी। जिसे लेकर उन पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। 

साथ ही वह पुलिस को भी वह चैलेंज देते रहते हैं कि उन्हें खोज कर दिखाएं। इसके बावजूद 1 महीने से ज्यादा समय से 3 थानों की पुलिस अब तक अरुण को गिरफ्तार नही कर पाई है।

अरुण ने बीते जुलाई महीने के शुरुआती दिनों में  प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर शहर के कई स्थानों पर विवादित पोस्टर चस्पा कराए थे। इसके अलावा शहर में पंफलेट भी बटवाए थे। इसे लेकर अरुण के खिलाफ सिगरा, भेलूपुर और लंका थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा था। साथ ही अरुण के परिजनों और करीबियों से उनके संबंध में पूछताछ भी की थी। तमाम मशक्कत के बावजूद तीनों थानों की पुलिस अरुण का पता नहीं लगा सकी थी।

बता दें कि श्रृंगार गौरी मंदिर काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील रेड जोन में स्थित है। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर इस मंदिर में आम श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन पर मनाही रहती है। अरुण पाठक जब शिवसेना में थे तभी से वह और उनके कार्यकर्ता प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि और सावन में काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र के रेड जोन में स्थित श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन का प्रयास करते आ रहे हैं। हालांकि कभी उन्हें श्रृंगार गौरी का दर्शन-पूजन करने में सफलता नहीं मिली और पुलिस पहले ही पकड़ लेती है।  लेकिन अब जबकि अरुण पाठक 3 थानों की पुलिस के लिए वांछित हैं तो यह देखने लायक बात होगी कि उनके आह्वान पर श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को जाने के लिए कितने लोग इकट्‌ठा होते हैं।