वाराणसी: पूर्व पार्षद प्रकरण में आया नया मोड़, वादिनी समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश
जमीन व मकान विक्रय करने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़प लेने और पैसे वापस मांगने पर पूर्व सपा पार्षद समेत चार के खिलाफ रंगदारी का फर्ज़ी मुकदमा दर्ज करा देने के मामले में नया मोड़ आ गया हैं।
वाराणसी। जमीन व मकान विक्रय करने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़प लेने और पैसे वापस मांगने पर पूर्व सपा पार्षद समेत चार के खिलाफ रंगदारी का फर्ज़ी मुकदमा दर्ज करा देने के मामले में नया मोड़ आ गया हैं। इस मामले में अदालत ने छित्तूपुर, लंका निवासी दिनेश पटेल के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराने वाली वादिनी मीरा मिश्रा समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश लंका थाना प्रभारी को दिया है।
प्रकरण के अनुसार छित्तूपुर, लंका निवासी दिनेश पटेल ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल के जरिये अदालत में बीएनएनएस की धारा 175(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि प्रार्थी की मुलाकात चुप्पेपुर, शिवपुर निवासी संतोष पटेल से हुई। उसने बताया कि बृज इन्क्लेव, सुंदरपुर निवासी मीरा मिश्रा अपनी सराय सुर्जन में स्थित एक जमीन को उस पर बने मकान सहित बेचना चाहती है। इस पर प्रार्थी उक्त जमीन व मकान खरीदने को तैयार हो गया। बातचीत के बाद उक्त जमीन व मकान चार करोड़ में बिक्री करने की बात तय हुई और एग्रीमेंट तैयार होने के बाद प्रार्थी ने तयशुदा शर्तों के अनुसार मीरा मिश्रा व उनके पुत्र सुधीर मिश्रा के बैंक खाते में 18 लाख रुपये अग्रिम धनराशि के रूप में ट्रान्सफर कर दिया। इसके उपरान्त मीरा मिश्रा व उनके परिवार वालो की मांग पर स्वयं व अपने परिचितों से लेकर 15 लाख रूपये कई किश्तों में मीरा मिश्रा, उनके पति शारदानंद मिश्रा, पुत्र सुधीर मिश्रा, पुत्री निशा और निशा के पुत्र अविरल और संतोष पटेल के खाते में दिए। इसके बाद जब प्रार्थी ने बैनामा करने को कहा तो वह लोग सुधीर का उसके पत्नी से तलाक का मुकदमा चलने और उक्त मुकदमा सुलह-समझौते के बाद समाप्त होने का हवाला देकर प्रार्थी से 21 लाख रुपये नकद भी लिये गये। इसके बाद प्रार्थी द्वारा बराबर शेष रकम लेकर बैनामा करने को कहता रहा, लेकिन सभी विपक्षी कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल करते रहे। इस बीच आरोपितों ने आपस मे मिलीभगत करके उक्त तयशुदा जमीन व मकान को 13 जून 2024 को रवि रंजन व सुगन्धा सिंह के हक में प्रार्थी से तय कीमत से ज्यादा धनराशि लेकर वैनामा कर दिया गया। इसकी जानकारी होने पर जब प्रार्थी ने अपना पैसा वापस मांगा तो वे लोग 40 लाख रुपये उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए और शेष रकम बाद में देने को कहा।इस बीच 28 जून 2024 को प्रार्थी नन्दू चाय वाले के यहां अपने मित्र के साथ चाय पी रहा था उसी समय उपरोक्त विपक्षीगण व उनके साथ दो अज्ञात लोग संकट मोचन मंदिर से दर्शन कर वापस आते दिखाई पड़े। जिन्हें देखकर प्रार्थी ने अपने शेष 54 लाख रुपये वापस करने का अनुरोध किया। जिसपर सभी लोग प्रार्थी को भद्दी-भद्दी गालियां देते रुपया मांगने पर जान से मारने और फर्ज़ी मुकदमे में जेल भेजवाने की धमकी देने लगे। इसकी शिकायत पुलिस से करने पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने अदालत की शरण ली। वहीं इस बीच विपक्षीगण को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने प्रार्थी व उसके साथी पूर्व पार्षद कमल पटेल समेत चार लोगों के खिलाफ फर्ज़ी कहानी गढ़ते हुए रंगदारी का फर्ज़ी मुकदमा भेलूपुर थाने में दर्ज कर दिया।