BHU की अनूठी पहल: महिला शिक्षकों के नाम से पहले नहीं लगेगा 'सुश्री' या 'श्रीमती', महिला प्रोफेसर ने उठाई थी आवाज
वाराणसी, भदैनी मिरर। बीएचयू में परंपरागत रुप से चली आ रही महिला शिक्षकों के नाम के साथ अब ‘सुश्री या श्रीमती' नहीं लगेगा। बीएचयू ने यह पहल महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर की मांग को ध्यान में रखते हुए अमल की है। बीएचयू की ओर से महिला महाविद्यालय की शिक्षकों की जारी की गई सूची में इस परिवर्तन को शामिल किया गया है।
बीएचयू में अब महिला शिक्षकों के नाम के आगे सिर्फ डॉक्टर अथवा प्रोफेसर ही लिखा जाएगा। सुश्री अथवा श्रीमती का उल्लेख नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि बीएचयू के महिला महाविद्यालय के समाजशास्त्र की डॉ. प्रतिमा गोंड ने तीन वर्ष पूर्व यह पत्र लिख कर वैवाहिक स्थिति का विवरण हटाने का अनुरोध विश्वविद्यालय प्रशासन से किया था। जिसके बाद वह तत्कालीन कुलपति राकेश भटनागर से मुलाकात कर भी यह मांग की थी। डॉ. प्रतिमा गोंड ने बताया कि जब पुरुषों के नाम के आगे उनके वैवाहिक स्थिति का उल्लेख नहीं तो फिर महिलाओं के नाम के आगे क्यों?
डॉ. प्रतिमा गोंड ने कहा कि जब एकेडमिक जगत में आने की योग्यता डाक्टर या प्रोफेसर की है तो ऐसे में व्यक्तिगत जानकारी क्यों साझा की जाए। उनका मानना है कि कुछ चीजें परम्परागत रुप से चलती चली आती है, जिस पर मेरा ध्यान गया और मैंने यह बात उठाई। उनका कहना है कि समाज की चीजों को शिक्षक नहीं उठाएगा तो आखिर कौन उठाएगा?