हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी का यूपी में पहला स्थान: अराजीलाइन, हरहुआ व चिरईगांव ब्लॉक जनपद में सर्वश्रेष्ठ...

उत्तर प्रदेश में वाराणसी जनपद हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में प्रथम स्थान पर आया है. मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार हुआ है.

हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी का यूपी में पहला स्थान: अराजीलाइन, हरहुआ व चिरईगांव ब्लॉक जनपद में सर्वश्रेष्ठ...

वाराणसी, भदैनी मिरर। गर्भावस्था में एचआईवी जांच, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल, वर्तमान जन्म अनुपात, प्रसव पूर्व जांच समेत 16 संकेतकों पर अच्छा कार्य करने के एलिए अप्रैल माह में वाराणसी को प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने जिले की समस्त नगरीय व ग्रामीण स्तरीय पीएचसी-सीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है और सेवाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पिछले तीन माह से हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी दूसरे व तीसरे स्थान पर बना हुआ है। लेकिन इस बार वाराणसी ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इससे ज्ञात होता है कि जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उपकेन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक संतोष कुमार सिंह के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। संकेतकों में सुधार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की अहम भूमिका है। आशा कार्यकर्ता समुदाय से लाभार्थियों को प्रेरित कर चिकित्सा इकाइयों तक लाती हैं। वाराणसी की यह रैकिंग अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं का सम्मान है । उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य और पोषण संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता बरकरार रखी जाए। समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सीय व स्वास्थ्य का लाभ पहुंचाने के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रही है। यही सरकार व विभाग का लक्ष्य है।

 सीएमओ ने बताया कि 21 मार्च से 21 अप्रैल 2023 के बीच लक्ष्य के सापेक्ष 100 फीसदी गर्भावस्था में एचआईवी जांच हुई। गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में 100 फीसदी उपलब्धि हासिल हुई है। इन संकेतकों में जनपद में पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा वर्तमान जन्म अनुपात, प्रसव पूर्व जांच, आशा कार्यकर्ताओं की उपलब्धता, प्रसव केंद्र के सापेक्ष प्रसव संबंधी सेवा आदि सेवाओं में जनपद में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा जनपद मुख्यालय (नगर क्षेत्र) और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों की बात करें तो जनपद स्तर पर अराजीलाइन ने सभी संकेतकों में पहला (81%), हरहुआ ने दूसरा (79%), चिरईगांव ने तीसरा (79%) स्थान प्राप्त किया है। अराजी लाइन ब्लॉक सीएचसी पिछले चार माह से डैशबोर्ड में पहले स्थान पर बना हुआ है। सेवापुरी चौथे, पिंडरा पाचवें, बड़ागांव छठवें, काशी विद्यापीठ सातवें, चोलापुर आठवें और जनपद मुख्यालय नौवें स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कमी देखी गई है, उसको जल्द ही पूरा किया जाएगा। इसके लिए समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक, डाटा ऑपरेटर, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द सभी इंडीकेटर्स का शत-प्रतिशत डाटा सुनिश्चित करें।