UP सरकार के मत्स्य मंत्री ने सरकार के 9 साल को लेकर किया बखान, उड़ीसा रेल हादसे को लेकर जताया दुख...
उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री डाक्टर संजय निषाद शनिवार को वाराणसी पहुंचे. उन्होंने उड़ीसा में हुए रेल हादसे पर गहरा शोक जताया और कहा की सरकार सभी को मदद पहुंचाने में जुटी है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने सर्किट हाउस में पत्रकारवार्ता कर शनिवार सुबह 11 बजे सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल के जमकर बखान किया और उड़ीसा हादसे पर दुख व्यक्त किया। केन्द्रीय शनिवार को सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक से पूर्व मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने केंद्र सरकार के 9 वर्ष की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि आज देश में बिना भेदभाव, बिना किसी जाति विशेष को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं और उसको लागू किया जा रहा है। देश के सारे लोगों को एक समान योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है। इसी तरह प्रदेश में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लगातार विकास के कार्य चल रहे हैं। प्रदेश में इसके पूर्व भी विभिन्न दलों की सरकारें रही है। वह लोग चाहते तो गरीबों के लिए मकान बना सकते थे, उनके लिए शौचालय बना सकते थे, इलाज के लिए भी कोई योजना बना सकते थे। मगर उन लोगों ने ऐसा न करके इस प्रदेश की जनता के साथ साथ सारे समाज को अनदेखा करने का कार्य किया है। यही कारण है कि जनता ने भी उन को नकारते हुए एक मजबूत सरकार देश और प्रदेश में बिठाने का कार्य किया है।
घायल की हर संभव की जा रही मदद
उन्होंने उड़ीसा रेल दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, घायलों की हर संभव मदद की जा रही है और उनको भरपूर चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जा रही है। मृतकों के साथ सरकार के साथ-साथ आमजन की भी संवेदनाएं साथ हैं।
मछुआ समुदाय के लिए अनेकों योजनाएं
उन्होंने अपने विभाग के बारे में बताते हुए कहा कि मछुआ समुदाय के लिए आज अनेकों योजनाएं चलाई गई हैं। उनके परिवार की महिलाओं के लिए भी योजनाएं संचालित हो रही हैं, इसमें महिलाएं खुद भी आत्मनिर्भर बन सकती हैं। पहले की अपेक्षा अब इस वर्ग में भी जागरूकता काफी बढ़ी है। पत्रकार वार्ता में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अखिलेश यादव बड़े नेता
अखिलेश यादव द्वारा भाजपा को भू माफ़ियावाद बताए जाने पर उन्होंने कहा कि, वह बड़े नेता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। उन्हें जो बोलना चाहिए, सोच-समझकर कर बोलना चाहिए। वह खुद अपनी गिरेबान में झाककर देखे। छह साल पहले यूपी में क्या था और छह साल बाद क्या है।