वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने मटरू के गांव बक्सर जाकर दी दबिश, तैयार  हो रहा अवैध संपत्तियों का डेटा... 

वाराणसी की कमिश्नरेट पुलिस सूदखोरी से व्यापारियों को परेशान करने वाले तत्वों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. लालपुर-पांडेयपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर मटरू का कमर तोड़ने में पुलिस जुट गई है.

वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने मटरू के गांव बक्सर जाकर दी दबिश, तैयार  हो रहा अवैध संपत्तियों का डेटा... 
मटरू राय के गांव बक्सर पहुंचकर परिजनों से पूछताछ करती चेतगंज पुलिस।

वाराणसी,भदैनी मिरर। सूदखोरी, रंगदारी और अवैध कब्जा के अभ्यस्त लालपुर-पांडेयपुर थाना के हिस्ट्रीशीटर रमेश राय उर्फ मटरू के खिलाफ चेतगंज थाने में नया मुकदमा पंजीकृत होने के बाद कमिश्नरेट पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है. इस प्रकरण को पुलिस कमिश्नर खुद मॉनिटर कर रहे है. 

वाराणसी के रिश्तेदारों के यहां छापेमारी करने के बाद मंगलवार को कमिश्नरेट पुलिस के चेतगंज थाने की एक टीम उसके गांव बिहार के बक्सर जिला स्थित उमरपुर गांव थाना इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचकर दबिश दी. हालांकि वहां भी मटरु पुलिस के हाथ नहीं लगा.

शरणदाताओं की सूची हो रही तैयार

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया की कानून को हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा की शरणदाताओं पर भी अब शिकंजा कसा जाएगा. मटरु राय को शरण देने वालों की सूची तैयार की जा रही है. इसके साथ ही मटरू राय के अवैध संपत्तियों का डेटा तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया की इसके गिरोह के अन्य सदस्य भूमिगत हो गए है, वह अपने आकाओं के शरण में जा दुबके है. 

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2007 में उधार लिए थे 7 लाख रुपए

हबीबपुरा निवासी व्यापारी रवींद्र जायसवाल ने बताया कि साल 2007 में उन्हें पैसे की जरूरत पड़ी थी. इस पर उन्होंने ब्याज पर पैसा देने वाले काशी सिंह से 7 लाख रुपए उधार लिए थे. काशी सिंह ने सिक्योरिटी के तौर पर कई चेक पर गवाहों की मौजूदगी में दस्तखत कराया था. तब से लेकर अब तक काशी सिंह और रमेश राय उर्फ मटरू उनसे 70 लाख रुपए वसूल चुके हैं. रवींद्र ने कहा कि उन्होंने काशी सिंह को जो चेक दिए थे, उसे मांगने पर कहा जाता है कि 35 लाख रुपए दो या अपनी दुकान हमारे नाम करो.

रवींद्र जायसवाल ने कहा कि अप्रैल में उन्हें हथुआ मार्केट में दो बार काशी सिंह और रमेश राय उर्फ मटरू ने बुलाया. दोनों ने उनसे सादे स्टांप पेपर पर दस्तखत कराए और कहा कि 35 लाख रुपए नहीं मिले, तो अपनी हत्या तय समझो. इसके बाद भी दोनों कभी नदेसर तो कभी किसी अन्य स्थान पर धमकाते रहे। रवींद्र ने कहा कि जब वह आजिज आ गए और उन्हें कुछ नहीं सूझा, तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. पुलिस कमिश्नर की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.