ज्ञानवापी सर्वे पर कल फिर होगा बहस, सभी निगाहें कोर्ट के आदेश पर टिकी...
Tomorrow there will be debate on Gyanvapi survey. All eyes are on the order of the court. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी सर्वे प्रकरण में कल फिर कोर्ट में बहस होगी. आगे अब क्या होगा इसका निर्णय कोर्ट करेगी.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी मां श्रृंगार गौरी से जुड़े मामले में हो रही पहले दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। सभी को निगाहे आज कोर्ट की गतिविधियों पर टिकी हुई थी। मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट की ओर से कोर्ट कमिश्नर बदलने वाली मांग पर सुनवाई कल 10 मई तक के लिए टाल दी गई है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे हैं। अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट भी मंगलवार को ही अदालत में रखी जाएगी। सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में गहमा-गहमी भी रही।
केस दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा कि अदालत में वादी, प्रतिवादी और एडवोकेट कमिश्नर ने अपना-अपना पक्ष रखा। लंबी बहस हुई है। कल फिर बहस होगी, तब जाकर अदालत के आदेश के बाद स्पष्ट होगा कि इस मसले में आगे क्या होना है।
वहीं, वादी पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा कि हमारी ओर से एक प्रार्थना पत्र दिया गया है। हमारे विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनके स्थान पर किसी अन्य को कमिश्नर नियुक्त किया जाए। हमने अपना लिखित स्टेटमेंट अदालत को दे दिया है। दोनों ही मसलों पर कल सुनवाई के दौरान बहस होने के बाद अदालत का फैसला आएगा। जब तक इस बिंदु का निस्तारण नहीं हो जाता है तब तक एडवोकेट कमिश्नर भी अपनी रिपोर्ट नहीं पेश करेंगे। कारण कि, अभी सर्वे नहीं पूरा हुआ है।
7 मई को दाखिल हुई थी आपत्ति
सर्वे के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र पर आपत्ति जताते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने 7 मई को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। कमेटी का कहना है कि एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का काम निष्पक्ष तरीके से नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह पार्टी की तरह काम कर रहे हैं। इसलिए अदालत कोई और कमिश्नर नियुक्त करे।
मसाजिद कमेटी के इस प्रार्थना-पत्र पर अदालत ने वादी और एडवोकेट कमिश्नर को उनका पक्ष दाखिल करने के लिए कहा है। इसके बाद इस संबंध में अदालत अपना निर्णय सुनाएगी।
बयानों से पलटे जितेंद्र सिंह विसेन
मां श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादिनी राखी सिंह भी अन्य चार महिलाओं की तरह अब अपना केस वापस नहीं लेंगी। यह बात उनके अधिवक्ता शिवम गौड़ ने दीवानी कचहरी में सोमवार दोपहर स्पष्ट किया है। अब जितेंद्र सिंह बिसेन खुद को अलग-थलग होता देख 24 घंटे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। रविवार के अपने मैसेज और फोन पर हुई बातचीत पर सोमवार को बिसेन ने यू-टर्न लिया। वाराणसी में कहा कि मीडिया ने मेरे मैसेज का गलत अर्थ निकाला है। हालांकि वह चौबीस घंटे तक मोबाइल बंद कर चुप क्यों रहे, इस पर वह कोई सटीक जवाब नहीं दे पाए। बिसेन का फोन पर दिया गया यह बयान सामने आने के बाद लोग उनकी तलाश कर रहे थे।
रुक गया था सर्वे का काम
कोर्ट के आदेश पर नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में 6 मई की दोपहर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू किया था। पहले ही दिन सर्वे को लेकर हंगामा और नारेबाजी हुई थी। मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि एडवोकेट कमिश्नर निष्पक्ष तरीके से नहीं बल्कि पार्टी बनाकर सर्वे करा रहे हैं।
7 मई की दोपहर सर्वे का काम फिर शुरू हुआ। वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि तकरीबन 500 से ज्यादा मुस्लिम मस्जिद में मौजूद थे और उन्हें सर्वे के लिए वहां अंदर नहीं जाने दिया गया। इस वजह से वह सर्वे छोड़ कर जा रहे हैं और अब अपना पक्ष 9 मई को अदालत में रखेंगे।
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