ज्ञानवापी प्रकरण: याचिकाकर्ता महिलाओं ने कहा नहीं लेंगे केस वापस, देव विग्रहों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे...
Gyanvapi Case: Petitioner women said that they will not take back the case. will fight till the last breath for the gods. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस प्रकरण में रविवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने याचिका वापस लेने का ऐलान कर दिया. वहीं अन्य चार महिला याचिकाकर्ताओं ने जिंदगी की अंतिम सांस तक देव विग्रहों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट के आदेश पर चल रहे सर्वे के बीच उस समय नया मोड़ आ गया जब विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने याचिका वापस लेने का ऐलान कर दिया। वहीं मुख्य वादी राखी सिंह द्वारा याचिका वापस लेने की खबर जैसे ही मीडिया में आई तो वहीं अन्य चाय महिला याचिकाकर्ताओं ने जिंदगी की अंतिम सांस तक देव विग्रहों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही।
18 अगस्त 2021 में दायर हुई याचिका
दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर की थी। काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 के पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपे जाने की मांग की थी।
राखी सिंह के पिछे हटने से अनभिज्ञता जताते हुए अन्य पिटिशनर महिलाओं ने कहा राखी के मुकदमा वापस लेने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हम चारों साथ में मुकदमा लड़ेंगे। महिलाओं ने कहा की वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन क्यों याचिका वापस ले रहे हैं हमें ये नहीं पता।
कल होनी है कोर्ट में सुनवाई
ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट ने विग्रहों की स्थिति जानने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की है। छह मई को कोर्ट कमिश्नर ने सभी पक्षों के साथ सर्वे भी किया। दूसरे दिन सात मई को मस्जिद के अंदर प्रवेश नहीं देने पर कोर्ट कमिश्नर ने कार्रवाई को रोककर सर्वे 9 मई के लिए टाल दिया। सात मई को विपक्षी अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के सर्वे की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अदालत में उनको बदलने की मांग की। अदालत ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए 9 मई तक सुनवाई टाल दी।
अचानक जितेंद्र सिंह बिसेन ने मुकदमा वापस लेने का एलान कर दिया है। हालांकि उनके एलान के बाद बाकी चार अन्य वादी महिलाओं ने लड़ाई जारी रखने की बात कही है।