माताएं कर रही विध्नविनाशक गणेश जी से संतान के सुख-समृद्धि की कामना, संकष्टी चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्त्व...
Mothers are wishing for the happiness and prosperity of the children from the destroyer Ganeshaमाताएं कर रही विध्नविनाशक गणेश जी से संतान के सुख-समृद्धि की कामना, संकष्टी चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्त्व...
वाराणसी, भदैनी मिरर। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को संतान की सुख-समृद्धि और आरोग्यता के लिए माताओं ने संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा है। सुबह से ही गणेश मन्दिरों में माताओं की लाइन दर्शन को लगी हुई है। आज के दिन विध्नविनाशक गणेश जी के विशेष आराधना का महत्त्व बताया गया है। लोक व्यवहार में इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
काशी के कर्मकांडी विद्वान स्वर्णप्रताप चतुर्वेदी के अनुसार चतुर्थी तिथि 21 जनवरी को सुबह 7:26 बजे से लेकर 22 जनवरी शनिवार की सुबह 7:24 मिनट तक है। वहीं चंद्रोदय रात 8:39 बजे होगा। उन्होंने बताया कि विधि-विधान से इस व्रत को करने वाले साधकों के जीवन में आने वाले समस्त संकट समाप्त हो जाते हैं। पुराणों की मानें तो संकटा चौथ के दिन ही भगवान गणेश के जीवन पर सबसे बड़ा संकट आया था। उन्हें हाथी का मस्तक लगाया गया था।