नाविकों ने बैठक कर लिया संकल्प - शासन प्रशासन के निर्देश का करेंगे पालन, बिना लाइफ जैकेट के नहीं करवाएंगे गंगा में सैर...

पिछले दिनों दशाश्वमेध घाट पर हुए नाव डूबने के हादसे के बाद अपर नगर आयुक्त और डीसीपी काशी जोन के संयुक्त बैठक में दिए गए निर्देश को लेकर नाविकों ने गुरुवार को दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास की ओर से बैठक बुलाई.

नाविकों ने बैठक कर लिया संकल्प - शासन प्रशासन के निर्देश का करेंगे पालन, बिना लाइफ जैकेट के नहीं करवाएंगे गंगा में सैर...

वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले दिनों दशाश्वमेध घाट पर हुए नाव डूबने के हादसे के बाद अपर नगर आयुक्त और डीसीपी काशी जोन के संयुक्त बैठक में दिए गए निर्देश को लेकर नाविकों ने गुरुवार को दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास की ओर से बैठक बुलाई. जिसमें रामनगर से राजघाट तक के नाविकों ने गंगा में नाव का संचालन ठप्प कर बैठक की.

शासन- प्रशासन के निर्देश का करेंगे पालन

नाविक, शंभू निषाद ने बताया की समाज की एकता एवं समाज में हो रहे लापरवाही जिसके वजह से हो रहे दिन-प्रतिदिन गंगा में घटना-दुर्घटना के प्रति लोगो को सजग करने एवं हमारी नावें किस तरह से संचालित हो जिससे हम लोग समाज को प्रशासन के सामने मजबुती से रख सकें इसको लेकर चर्चा हुई. 

नाविकों ने इस दौरान संकल्प लिया की हम जितने भी लागों को नाव में सैर करायेगें सबको लाइफ जैकेट को उपयोग करने के लिए बाध्य करेगें. जनमानस की सुरक्षा के लिए जितने भी उचित नियम बनायेगें सबका पालन करना एवं मजबूती से सबको पालन करवाना हमारा दायित्व होगा.किसी तरह का घटना दुर्घटना अथवा हादसा होने पर शासन द्वारा अथवा कोर्ट द्वारा निर्धारित नियम का पालन करना होगा.


बता दें, इस दौरान मांझी समाज के लोगो ने यह तय किया है कि अब से  जो काम करेगें शासन-प्रशासन द्वारा बनाये गये नियमों का पालन करते हुए हो करेंगे. माझियों ने कहा की हमलोगो को नौकायन करना अथवा डूबते लोगों को बचाना अपना धर्म एवं कर्म मानते थे जिसके तहत नौका कराते समय अथवा घाटो पर नहाते लोगो एवं कभी भी किसी के द्वारा गंगा जी में कूद कर आत्महत्या प्रयास करने वाले लोगों को बचाना एवं डूब गये लोगो को अपने गोताखोरो द्वारा लाशों को निकालने में मदद करना था लेकिन इधर इतना मेहनत कर लोगो को बचाने के बाद भी प्रशासन के लोगों द्वारा यह कहा जाना कि आप लोगो ने तो लोगो को डूबा ही दिया था.यह तो भगवान का शुक है कि लोग बच गये. इसलिए अब हम लोगों ने यह निश्चय किया है कि इन सभी कार्यो का जिम्मेदारी गोताखोरी, लोगो को बचाये एवं घाटों पर हो रहे घटना दुर्घटना की जिम्मेदारी शासन एवं प्रसाशन की होगी.