पूर्व आईपीएस ने की एफआईआर की मांग: संतुष्टि मेडिकल कॉलेज के खिलाफ धरनारत है छात्र, छात्रों से सही तथ्य छुपाने के आरोप...
वाराणसी, भदैनी मिरर। संतुष्टि मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा किए जा रहे अपने हक के लिए किए जा रहे आंदोलन को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर का साथ मिल गया है। शनिवार को ठाकुर दंपत्ति ने पुलिस कमिश्नर के साथ एसीएस होम और डीएम वाराणसी को भी शिकायत पत्र भेजा है। पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिये।
मेडिकल कॉलेज ने छात्रों से तथ्य छुपाते हुए लिया एडमिशन
ठाकुर दंपत्ति ने बताया कि संतुष्टि अस्पताल की वर्ष 2017 में मान्यता रद्द कर दी गयी, जिस पर उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर किया। कोर्ट ने उन्हें इस शर्त के साथ एडमिशन की अनुमति दी कि 150 दिन में मान्यता प्राप्त कर लेंगे तथा सभी छात्रों को सशर्त एडमिशन की बात सूचित करेंगे। संतुष्टि कॉलेज ने पूरी तरह फ्रॉड करते हुए छात्रों को इन तथ्यों से अवगत नहीं कराया। उन्होंने वर्ष 2018-19 में 100 छात्र रखे लेकिन 150 दिन में मान्यता मिलने में असफल होने के बाद भी संतुष्टि मेडिकल ने इन तथ्यों से छात्रों तथा शासन को अवगत नहीं कराया और छात्रों को लगातार अँधेरे में रखा। संतुष्टि मेडिकल ने वर्ष 2019-20 में भी 100 छात्रों को एडमिशन दिया और इस साल भी एडमिशन लिया जा रहा है।
वसूला जा रहा मनमाना फीस
पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने बताया की संतुष्टि मेडिकल कॉलेज ने बिना मान्यता हुए ही इन सभी छात्रों से बिना परीक्षा कराये साल दर साल फीस लिया है, जो पूरी तरह धोखाधड़ी है। कॉलेज द्वारा अलग-अलग लोगों से अलग-अलग मनमाना फीस भी लिया जा रहा है तथा परीक्षा की मांग करने पर छात्रों को फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही है। अमिताभ तथा नूतन ने इस संबंध में एफआईआर की मांग की है। साथ ही उन्होंने डीएम वाराणसी से इन तथ्यों को शासन को अवगत कराते हुए इन छात्रों को नियमानुसार अन्य मेडिकल कॉलेज में ट्रान्सफर कराये जाने की भी मांग की है।