DIG का औचक निरीक्षण: HS का सत्यापन करने को 10 दिन का अल्टीमेटम, गुंडों का प्रकार पूछने पर इंस्पेक्टर और SSI ने साध ली चुप्पी...
Surprise inspection of DIG in 4 pictures. 10 days ultimatum to verify HS. On asking the type of goons, the Inspector and the SSI kept silence. अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध सुभाषचंद्र दुबे ने लंका थाने का औचक निरीक्षण किया तो इनाम भी दिया और अल्टीमेटम भी।
वाराणसी, भदैनी मिरर। अपर पुलिस आयुक्त (एडिशनल CP) मुख्यालय और अपराध सुभाषचंद्र दुबे ने लंका थाने का रविवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वह कार्यालय से लेकर मालखाना, सीसीटीएनएस और हेल्प डेस्क के रजिस्टरों की जांच की। पिछले निरीक्षण के मुकाबले इस बार थाने की साफ-सफाई से खुश होकर एडिशनल सीपी ने इनाम की घोषणा की। इस दौरान वह 2 सितंबर को लंका के टिकरी निवासी बीएनएस महाविद्यालय की छात्रा के लापता होने के बाद थाने से परिजनों को टरकाने और बाद में झाड़ियों में शव मिलने की घटना का जिक्र करते हुए इंस्पेक्टर लंका वेदप्रकाश राय, एसएसआई श्री प्रकाश और दिवस-रात्रि अधिकारी को निर्देशित किया कि फरियादी को किसी भी हाल में टरकाने का काम न हो।
महिला हेल्प डेस्क पर पेंडिंग न रहे मामला
महिला हेल्पडेस्क के रजिस्टर को चेक करते हुए महिला कांस्टेबलों को कहा कि किसी भी हाल में महिला उत्पीड़न संबंधित मामलें पेंडिंग न रहे। हर प्रार्थना पत्र की जानकारी प्रभारी निरीक्षक को होनी चाहिए। चुनाव सर पर है अभी से निरोधात्मक कार्रवाई शुरु कर दें, अपराधों की पुनरावृत्ति करने वालों पर नियमानुसार अभी से उन्हें पाबंद करें ताकि चुनाव को सकुशल निपटाया जा सके।
कितने प्रकार के होते है गुंडे?
लंका थाने का निरीक्षण कर रहे डीआईजी सुभाषचंद्र दुबे ने कार्यालय में हिस्ट्रीशीटरों (HS) रजिस्टर, त्यौहार रजिस्टर, गुंडा रजिस्टर, एनसीआर जांच रजिस्टर, एससी-एसटी जांच रजिस्टर, महिला अपराध संबंधी रजिस्टर, समाधान रजिस्टर, पूर्ण समाधान रजिस्टर, हत्या-बलवा रोकथाम रजिस्टर का अवलोकन किया। इस दौरान डीआईजी ने एसएसआई और इंस्पेक्टर से गुंडों के प्रकार पूछ लिए जिस पर दोनों ने चुप्पी साध ली। डीआईजी ने बताया कि राजनैतिक, साम्प्रदायिक, छात्र और इनके अलावा आपराधिक चार प्रकार के होते है। जिन पर चुनाव से पहले निरोधात्मक कार्रवाई जरूरी है।
HS का सत्यापन न होना शिथिलता दिखाता है
रजिस्टर चेक करने के दौरान उन्होने थाने के हिस्ट्रीशीटरों की संख्या पूछी, जिस पर दोनों अधिकारियों ने डीआईजी को 65 बताया। इसके बाद उन्होंने जब पन्ने पलटकर देखें तो सत्यापन न होने पर नाराजगी जताई। डीआईजी ने कहा कि शासन और डीजीपी का अपराधियों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का निर्देश है, ऐसे में हिस्ट्रीशीटरों का सत्यापन न होना शिथिलता को दर्शाता है। साल के अंतिम के अब 10 दिन बचे है, सभी सत्यापन पूरे कर लिए जाए। 10 दिन बाद थाने का पुनः निरीक्षण किया जाएगा, लापरवाही किसी की बर्दाश्त नही की जाएगी।