श्री संकटमोचन संगीत समारोह का आज से आगाज, पहली निशा में होंगी 7 प्रस्तुतियां...
श्री संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज 27 अप्रैल से हो रहा है. जो छह दिनों तक निरंतर चलेगा और 2 मई को समापन होगा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। छह दिवसीय श्री संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज आज 27 अप्रैल की शाम श्री संकटमोचन महराज की आरती के बाद शुरु हो जायेगा. यह 101 वां कड़ी है. संगीत समारोह को लेकर देश-विदेश में बैठे संगीत प्रेमियों को इस कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार रहता है. वह महीनों पहले से ही कार्यक्रम की सूची मांगना शुरु करते है. ताकि वह वाराणसी आकर अपने चहेते कलाकार को हनुमंत दरबार में बैठकर सुन, देख और महसूस कर सकें.
श्री संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र बताते है कि जनता हनुमत दरबार में निश्चिंत होकर अपने भावों को अर्पित करती है. बाबा की अंगनाईं को वह अपने घर का समझते है, जहां इच्छा होती है बैठ या लेटकर पूरी रात दरबार में बने रहते है. यही संगीत समारोह की खूबसूरती है.
पहले दिन बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने वालों में भुवनेश्वर के पंडित रतिकांत महापात्रा ओडिसी की प्रस्तुति देंगे इनके साथ सृजन संस्था के कलाकार शामिल होंगे. दूसरी प्रस्तुति तबला की होगी. पहली बार कुमारी अवंतिका महाराज प्रस्तुति देंगी इनके साथ जालंधर के सारंगी पर विनायक सहाय होंगे.
तीसरी प्रस्तुति मुंबई की नंदिनी नरेंद्र बेडेकर के गायन की होगी. उनके साथ दिल्ली से तबला पर पंडित विनोद ले ले और संवादिनी पर पंडित विनय मिश्र संगत करेंगे.
चौथी प्रस्तुति मुंबई के पंडित सतीश व्यास के संतूर की होगी. उनके साथ तबला पर पंडित ओजस योगेश अधिया का होगा.
पांचवी प्रस्तुति कलकत्ता की सुश्री मीनाक्षी मजूमदार के गायन की होगी. इनके साथ तबले पर देवज्योति बोस और संवादिनी पर पंडित धर्मनाथ मिश्र होंगे. सारंगी पर विनायक सहाय संगत करेंगे.
छठवीं प्रस्तुति प्रयागराज के विजय चंद्रा और उनके सहयोगी कलाकारों की होगी. पहली निशा की अंतिम प्रस्तुति पंडित साजन मिश्र और स्वरांश मिश्र के गायन की होगी. इनके साथ तबला पर पंडित शुभ महाराज, संवादिनी पर पंडित धर्मनाथ मिश्र और सारंगी पर विनायक सहाय होंगे.