इस दरोगा को नन्हे-मुन्ने बच्चों ने दी भावुक विदाई, रोज शाम सजती थी चौकी में बच्चों की पाठशाला....

इस दरोगा को नन्हे-मुन्ने बच्चों ने दी भावुक विदाई, रोज शाम सजती थी चौकी में बच्चों की पाठशाला....


वाराणसी/भदैनी मिरर । समय के साथ-साथ पुलिस विभाग में भर्ती पुलिसकर्मियों ने विभाग की छवि को बदला है, जिसका परिणाम है कि जनता ने उन्हें सराहा और उनकी मदद को अब आगे आने लगी है। पुलिसकर्मी कभी सडकों को दिव्यांग-बुजुर्गों की मदद करते दिख जाते है तो कभी रक्तदान कर आमजन का जीवन बचाने के लिए भी तत्पर रहते है। ऐसे ही कोतवाली थाने के अमिया मंडी चौकी इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा के तबादले का क्षेत्र के नन्हे-मुन्ने बच्चों को दुख है। अनिल कुमार मिश्रा अपनी चौकी में रोजाना शाम के समय बच्चों के लिए अनूठी पाठशाला लगाते थे। इस पाठशाला में वह न सिर्फ क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाते थे बल्कि उन्हें स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले अमर शहीद क्रांतिकारियों की कहानियां भी सुनाते थे। बच्चे भी बड़े चाव से अपने अनिल अंकल से इनकी वीरता की कहानियां सुनते थे। ऐसे में जब पुलिस चौकी उनका ट्रांसफर हुआ और उनकी विदाई का समय आया तो सबकी आंखें भर आईं।


दारोगा अनिल कुमार मिश्रा का तबादला कोतवाली से कपसेठी थाने के लिए हुआ है। दरअसल, अंबियां मंडी पुलिस चौकी के आसपास बड़ी संख्या में गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय तबके के लोग रहते हैं। इन परिवारों के अधिकतर लोग छोटे-मोटे काम करते हैं। इनके बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते थे, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती थी। इसके अलावा परिवार में रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी रहता था। ऐसे में चौकी प्रभारी अनिल ने पाठशाला के जरिए यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया था। 

 बच्चे बताते हैं कि पुलिस अंकल से हम लोगों को रोज बिस्कुट-टॉफी के साथ-साथ अच्छी बातें भी सीखने को मिलती थी। इसके अलावा कोराना काल में भी दारोगा अनिल कुमार मिश्र ने अपने स्तर पर मुफलिसी की मार झेल रहे लोगों की काफी मदद की थी।