आज से जिला जज की अदालत में होगी ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई, सुरक्षा व्यवस्था रहेगी कड़ी...
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में आज से शुरू होगी. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेंगी, इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरा खाका तैयार कर लिया है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सोमवार से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेस की अदलत में होगी। इसके पहले शनिवार को ही इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीनियर सिविल डिविजन के कोर्ट से जिला जज के न्यायालय में ट्रांसफर की जा चुकी है।
आज सबसे पहले मामले की पोषणीयता पर सुनवाई होगी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद ही यह तय होगा कि मामला आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। सुनवाई के दौरान पूरे कचहरी परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने वादी यानी मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाले मस्जिद पक्ष के प्रार्थनापत्र पर इसकी सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदलत से जिला जज को स्थानांतरित कर दी थी। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट अदालत में दाखिल होने के बाद वे अन्य प्रार्थनापत्र भी दाखिल किए गए हैं।
मंदिर पक्ष ने अदालत से तहखाने की दीवार व मलबा हटाकर वीडियोग्राफी की मांग की है। मस्जिद में जहां शिवलिंग मिला है, उसके पूरब की दीवार में दरवाजा है, जिसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद किया गया है। साथ ही शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई की बाबत रिपोर्ट भी मंगाने की अपील की है। वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने वजूखाने की मछलियों की जीवनरक्षा के लिए उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। सील किए गए क्षेत्र में चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगे हैं। पाइप लाइन को भी सील क्षेत्र से हटाने की मांग की है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है कि जिस संरचना को वादी पक्ष शिवलिंग कहते हैं, उसे तय करने का अधिकार सिर्फ अदालत को है। तहखाने की जिस दीवार को हटाने की मांग की गई है, उसे तोड़ा गया तो पूरी मस्जिद ध्वस्त हो जाएगी।