ATS ने पकड़ा नेपाली युवक: भारतीय सेना ने फर्जी नाम-पता पर भर्ती का आरोप, घोषित था 25 हजार का इनाम...
उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की वाराणसी यूनिट ने पटना से एक नेपाली युवक को गिरफ्तार किया है. उसके ऊपर फर्जी नाम और पते से भारतीय सैनिक बनने का आरोप था. उसके ऊपर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था.
वाराणसी,भदैनी मिरर। UP-ATS की वाराणसी यूनिट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) और सेंट्रल की इंटेलिजेंस की मदद से भारत के फर्जी तरीके से गोरखा रेजीमेंट में सैनिक भर्ती होने वाले एक युवक को पटना से गिरफ्तार कर लिया। युवक पर आरोप हैं की उसने फर्जी नाम-पते और उम्र के आधार पर गोरखा रेजिमेंट भर्ती लिया था। उस पर सीवान के एडीजी की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित है।
आरोपी का भारतीय नाम शिवांश बालियान है जो मूल रूप से नेपाल के बांके जिला के मिरकुटी नगर, नेपालगंज का रहने वाला है। उसका नेपाली नाम सागर शाही है। भारत में उसने वाराणसी जिले के लोहता थाना के चंदापुर गांव के नाम-पते पर अपना फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाया था। आरोपी को रविवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध किया जाएगा।
2015–16 में इस तरह हुई थी भर्ती
लखनऊ स्थित एटीएस थाने में 2017 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अनुसार वाराणसी के 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के लिए 2015-16 के दौरान भर्ती हुई थी। इसमें एक इंटरनेशल गिरोह ने कुछ नेपाली युवकों को भारत के फर्जी नाम-पता और उम्र का प्रमाण-पत्र बनवा कर उनका सत्यापन कराया था। इसके बाद उन्हें इंडियन आर्मी में भर्ती करा दिया गया। ATS की वाराणसी यूनिट ने जांच शुरू की। इसके बाद दिलीप गिरी (भारतीय नाम) उर्फ विष्णु भट्टाराई (नेपाली नाम) 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर से गिरफ्तार कर लिया गया।
उसकी भर्ती में सहयोग करने वाले नेपाल निवासी चंद्र बहादुर खत्री को गिरफ्तार किया गया। चंद्र बहादुर खत्री वाराणसी के फुलवरिया क्षेत्र में किराए पर कमरा लेकर रहता था। चंद्र बहादुर खत्री ने बताया कि नेपाली युवकों का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने का काम वह, अजय मौर्या, नागेश मौर्या और उनका एक सहयोगी करता था।
तीनों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि भारत के फर्जी नाम-पते और उम्र के आधार पर प्रेम सिंह कुंवर, मनोज बस्नेत और शिवांश बालियान इंडियन आर्मी में शामिल हो गए हैं। यह सभी नाम भारतीय थे। इनकी कोई पहचान पुलिस के पास नहीं थी कि इन लोगों का नेपाली नाम और पता क्या है। भारत में उनकी कोई रिश्तेदारी या कोई ठिकाना है। मुकदमा दर्ज होने की सूचना तीनों को मिली, तो वे अपनी-अपनी यूनिट से छुट्टी लेकर लापता हो गए।
लोकेशन के आधार पर हुई गिरफ्तारी
तीनों के लापता होने पर इंडियन आर्मी ने उनके खिलाफ जांच कर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। UP-ATS की विवेचना के दौरान उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट लेकर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी और मिलिट्री इंटेलिजेंस दानापुर के सहयोग से शिवांश की लोकेशन आरा स्थित गार्डन रोड में मिली। इस पर शिवांश को गिरफ्तार कर लिया गया। UP-ATS के अफसरों ने बताया कि पूछताछ के लिए आरोपी को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर इस पूरे रैकेट का पता लगा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।