पोस्टर विवाद पर बोले प्रोफेसर आफताब- MP सरकार तो देती है साहित्यकारों को अल्लामा इकबाल सम्मान, छात्रों से हुई थी भूल...

प्रो. आफताब ने कहा है कि आखिर अल्लामा इकबाल के मामले में इतना विवाद क्यो हो रहा है, समझ मे नही आ रहा है। अल्लामा इकबाल का जन्म भारत मे हुआ था। अल्लामा इकबाल की मौत भी यही हुई थी। आज़ादी और देश के बटवारा के पहले 1938 में उनका इंतकाल लाहौर में हो गया था तो वो पाकिस्तानी कैसे हो गए। ये बात समझ में नही आ रही है।

पोस्टर विवाद पर बोले प्रोफेसर आफताब- MP सरकार तो देती है साहित्यकारों को अल्लामा इकबाल सम्मान, छात्रों से हुई थी भूल...

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उर्दू विभाग द्वारा उर्दू दिवस (9 नवंबर) को आयोजित वेबिनार कार्यक्रम के डिजिटल आमंत्रण पर विश्वविद्यालय के संस्थापक भारतरत्न पंडित मदनमोहन मालवीय जी की तस्वीर गायब कर अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगाने से आक्रोशित छात्रों के विरोध के बाद जांच टीम गठित कर दी गई है। कमेटी 3 कार्य दिवसों पर जांचकर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। पूरे मामलें को लेकर दूरभाष पर उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष आफताब अहमद ने अपना पक्ष रखा है।

MP सरकार तो अल्लामा इकबाल के नाम पर देती है सम्मान

 प्रो. आफताब ने कहा है कि आखिर अल्लामा इकबाल के मामले में इतना विवाद क्यो हो रहा है, समझ मे नही आ रहा है। अल्लामा इकबाल का जन्म भारत मे हुआ था। अल्लामा इकबाल की मौत भी यही हुई थी। आज़ादी और देश के बटवारा के पहले 1938 में उनका इंतकाल लाहौर में हो गया था तो वो पाकिस्तानी कैसे हो गए। ये बात समझ में नही आ रही है। उन्होंने बताया कि 9 नवंबर 1877 को उनका जन्मदिन पड़ता है, इसी दिन को उनके उर्दू दिवस के रूप में मनाया जाता है। उर्दू दिवस के चलते बुधवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम ऑनलाइन था तो छात्रों ने भूलवश महामना की जगह अल्लामा इकबाल की फ़ोटो लगा दी गईं थी जिसको सुधार कर महामना की फ़ोटो लगा दिया गया था। ऑफ लाइन कार्यक्रम होता तो चेक कर के ही पोस्टर जारी होता।

प्रोफेसर ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हर साल साहित्य के क्षेत्र में योगदान करने वाले साहित्यकारों को अल्लामा इकबाल सम्मान देती है। हिंदी में उर्दू साहित्य के इतिहास में इकबाल है। बच्चो को सिलेबस में पढ़ाते है। भोपाल में इकबाल स्पोर्ट्स एकेडमी है। एकेडमिक में हमेशा खुले विचारधारा से हम लोगो को सोचना चाहिए।

BHU में हर जगह मालवीय जी ही होंगे

वहीं विवाद को लेकर आर एस एस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की अन्तरात्मा में मालवीय जी है उनकी जगह कोई नही ले सकता है। जब सारे जहा से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा गाने वाले इकबाल भटक कर पाकिस्तान चले गए थे तब उन्हें यह गाने का मर्म समझ मे नही आया, इसलिए बीएचयू की हर तश्वीर में मालवीय जी ही रहेंगे।