TRB जवान रहे 34 ने लिखा PM को खत: पत्र में लिखा हमें आर्थिक तंगी से बचा लीजिए, जरुरत पड़ी तो हमसे काम लिया फिर हमें धोखा दिया...

प्रधानमंत्री को भेजे गए 34 लोगों के हस्ताक्षर वाले पत्र में लिखा गया है कि उनकी नियुक्ति नवम्बर 2015 में पुलिस अधीक्षक यातायात वाराणसी और वाराणसी विकास समिति के सहयोग से हुयी थी। जिसके बाद टीआरबी के जवानों को यातायात पुलिस वाराणसी द्वारा प्रशिक्षणोपरान्त (यातायात के नियम) वाराणसी शहर के तिराहा, चौराहा एवं फैण्टम ड्यूटी लगायी गयी थी।

TRB जवान रहे 34 ने लिखा PM को खत: पत्र में लिखा हमें आर्थिक तंगी से बचा लीजिए, जरुरत पड़ी तो हमसे काम लिया फिर हमें धोखा दिया...

वाराणसी,भदैनी मिरर। वाराणसी शहर की चरमराई यातायात व्यवस्था में मदद के लिए वाराणसी यातायात पुलिस और वाराणसी विकास समिति के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर शहर के चौराहे और तिराहे पर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) के जवान अब दर-दर की ठोकर खा रहे है। टीआरबी जवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर अपना दर्द साझा करते हुए अपना समायोजन होमागार्ड, काशी विश्वनाथ न्यास अथवा उत्तर प्रदेश शासन के अधीन सरकारी, अर्द्धसरकारी, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी पद पर स्थायी अथवा संविदा कर्मचारी के रुप में करने की मांग की है। टीआरबी के जवानों ने बताया है कि हमें बिना किसी सूचना के निकाले जाने के बाद उनका एक साथी 8 माह पहले आर्थिक तंगी से परेशान होकर हुकुलगंज में फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुका है।


200 रुपया मिलता था यात्रा भत्ता

प्रधानमंत्री को भेजे गए 34 लोगों के हस्ताक्षर वाले पत्र में लिखा गया है कि उनकी नियुक्ति नवम्बर 2015 में पुलिस अधीक्षक यातायात वाराणसी और वाराणसी विकास समिति के सहयोग से हुयी थी। जिसके बाद टीआरबी के जवानों को यातायात पुलिस वाराणसी द्वारा प्रशिक्षणोपरान्त (यातायात के नियम) वाराणसी शहर के तिराहा, चौराहा एवं फैण्टम ड्यूटी लगायी गयी थी। टीआरबी के जवानों से यातायात पुलिस वाराणसी द्वारा निःशुल्क ड्यूटी लिया जा रहा था। वाराणसी विकास समिति द्वारा टीआरबी के इन जवानों को ड्यूटी के दौरान प्रति दिवस 200 रुपए यात्रा भत्ता के रूप में दिया जाता था।


बिना सूचना के ही निकाल दिया

टीआरबी जवानों ने लिखा है कि उन्हें 31 अगस्त 2018 को बिना किसी सूचना के हटा दिया गया। जिसका अनुभव प्रमाण पत्र यातायात निरीक्षक वाराणसी ने निर्गत किया गया है। पुनः अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मण्डलायुक्त वाराणसी के आदेशानुसार पुलिस अधीक्षक यातायात के संरक्षण में टीआरबी के जवानों को वाराणसी शहर के तिराहा,
चौराहा एवं फैण्टम ड्यूटी लगायी गयी थी, जिसका वेतन मण्डलायुक्त वाराणसी ने श्री काशी विश्वनाथ न्यास, वाराणसी से 16 सितंबर को टीआरबी के जवानों हेतु निर्गत किया गया जो यातायात पुलिस लाईन कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा 21 सितंबर को ट्रैफिक ब्रिगेड (टी0आर0बी0) के जवानों को नकद प्राप्त कराया गया।

हमारे साथ धोखा हुआ

पत्र में आगे लिखा है की वर्तमान में टीआरबी के जवान बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ड्यूटी के दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक यातायात ने टीआरबी के जवानों को मौखिक आश्वासन दिया  था कि आप लोगों को होमगार्ड में समायोजन के लिए उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। टीआरबी के जवानों के साथ छल (धोखा) हुआ है। हमारा साथी बांदा निवासी सोनू रैकवार (टीआरबी जवान) आर्थिक तंगी व बेरोजगारी से जूझते हुए लगभग 8 माह पूर्व हुकुलगंज वाराणसी में किराये के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुका है। सोनू रैकवार की पत्नी रूपम रैकवार व नवजात शिशु (8 माह) वर्तमान में दर-दर ठोकर खाने पर विवश हैं। इसलिए यह मांग है कि ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) के जवानों को होमगार्ड में समयोजन, श्री काशी विश्वनाथ न्यास, वाराणसी में सेवादार के पद पर अथवा उत्तर प्रदेश शासन के अधीन अन्यत्र विभाग में स्थायी अथवा संविदा कर्मचारी के रूप में तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दिलवाने की कृपा कीजिए जो कि न्याय संगत व न्यायोचित है।