कल होगी काशी में भगवान धन्वंतरि की पूजा: विष्णु के अंश अवतार के दर्शन से मिलती दैहिक दुखों से मुक्ति...
पूजा पाठ करने का अवसर देते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से हर तरीके के कष्टों से मुक्ति मिलती साथ ही दैहिक दुखों से भी मुक्ति मिलती हैं।
वाराणसी,भदैनी मिरर। विष्णु के अवतार और आयुर्वेद के भगवान कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि की वर्ष में एक बार कार्तिक कृष्ण यानी धनतेरस के दिन पूजा की जाती है । इस वर्ष यह पूजा 2 नवंबर को मंगलवार के दिन सुड़िया स्थित धन्वन्तरि निवास में होगी। इस दिन भगवान धन्वंतरि का विशेष पूजन अर्चन कर भक्तो के दर्शन हेतु कपाट खोल दिया जाएगा। प्रभु के दर्शन के लिए आये श्रद्धालुओं के लिए औषधि स्वरूप अमृत वर्षा भी की जाएगी। साथ ही पूरे भारत के लिए कोरोना से मुक्ति की कामना के लिए प्रभु का विशेष श्रृंगार कर विद्वान ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान से पूजन अर्चन कर किया जाएगा।
पण्डित समीर कुमार शास्त्री ने बताया कि विगत 10 वर्षों से हमारी पीढ़ियों द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा की जाती हैं। हम हर वर्ष आयुर्वेद चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि की जयंती के अवसर पर इनका पूजन अर्चन करते हैं और आमजनता को यहाँ पूजा पाठ करने का अवसर देते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से हर तरीके के कष्टों से मुक्ति मिलती साथ ही दैहिक दुखों से भी मुक्ति मिलती हैं। इसी मान्यतानुसार इस पूजा का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि 2 नवम्बर को दोपहर 2 बजे से भगवान धन्वंतरि का श्रृंगार दर्शन पूजन कर शाम 4 बजे से आम जनता के लिए कपाट खोल दिया जाएगा। ये दर्शन अनवरत रात्रि 11 बजे तक चलता रहता है।
पंडित समीर ने बताया कि इस बार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। जिसमें मास्क लगाने के साथ साथ सेनेटाइजर भी अनिवार्य होगा। साफ़ सफाई की पूरी व्यवस्था रखी गई हैं। इसबार भगवान धन्वंतरि का दर्शन कमरे में न रखकर बाहर खुले मैदान में रखकर किया जा सकेगा। आयुर्वेद ने ही इस बार कोविड में महामारी से बचाव का बेहतर इलाज ढूंढकर निकाला है। इसलिए इस बार कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए भगवान धन्वंतरि के दरबार में अमृत वर्षा की जाएगी। इस दौरान धन्वंतरि निवास में विशेष पूजा अर्चना के बाद औषधि स्वरूप प्रसाद का वितरण किया जाएगा। काशी हीं नहीं पूरे भारत में एक मात्र अष्ट धातु के भगवान धन्वंतरि की मूर्ति सुड़िया स्थित धन्वंतरि निवास में राजवैद्य स्व. पंडित शिव कुमार शास्त्री के आवास में विराजमान है। जो कि अत्यंत प्राचीन लगभग 300 साल पुरानी अष्टधातु की बनी हुई है जिसके ऊपर चांदी का छत्र मौजूद है।
इस दौरान राजवैद्य पंडित शिव कुमार शास्त्री के पुत्र पंडित रामकुमार शास्त्री,नंदकुमार शास्त्री, समीर कुमार शास्त्री एवं प्रपौत्र उत्पल शास्त्री, आदित्य, मिहिर एवं पवन सिंह उपस्थित रहें।