साल के अंतिम दिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में मत्था, जाने नए साल को लेकर क्या है तैयारी...
वर्ष 2022 के अंतिम दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर प्रशासन ने बताया की सुबह मंगला आरती से लेकर रात शयन आरती तक दो लाख लोगों से अधिक ने दरबार में मत्था टेका है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। वर्ष 2022 के अंतिम दिन बाबा श्री काशी विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। इससे भोर से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। सुबह मंगला आरती के पश्चात जब आम दर्शनार्थियों के लिए पट खोला गया तो दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके लिए पहले से ही मंदिर प्रशासन की ओर से बैरियर लगाकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई थी। सुबह से लेकर शयन आरती तक लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन पूजन किए। वही एक जनवरी को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से पूरी तैयारियां चाक-चौबंद की गई है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रविवार को भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं, वही प्रोटोकॉल भी प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में पूर्व की भांति किसी भी गेट से मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह प्रतिबंधित रहेगा। जो दर्शनार्थी जिस प्रवेश द्वार से प्रवेश करेगा उसकी निकासी भी उसी दिशा में की जाएगी। इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ता द्वार होते हुए मंदिर चौक में जाएंगे। इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे। गंगा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी मंदिर के पूर्वी द्वार पर बाबा को जल चढ़ा सकेंगे। सरस्वती फाटक की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी गर्भ गृह के दक्षिणी द्वार पर और ढूंढीराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा को जल चढ़ा सकेंगे।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि भीड़ को देखते हुए पूरे परिसर और मंदिर के चारों तरफ पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और खोया पाया केंद्र बनाया गया है। पेयजल के लिए जगह-जगह प्याऊ लगाकर उसका इंतजाम किया गया है। किसी भी आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा विभाग की टीम भी मंदिर के पास तैनात रहेगी।